By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 12, 2019
बीजिंग। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध में शांति को उनके बीच चल रहे 15 माह पुराने शुल्क युद्ध के समाधान की दिशा में एक संभावित कदम बताते हुये कंपनियों ने उसका स्वागत किया है। हालांकि, अर्थशास्त्रियों ने इसको लेकर सावधान किया है कि इसमें प्रौद्योगिकी जैसे मूल विवादित मुद्दों सहित वैश्विक वृद्धि के लिये जोखिम बने विभिन्न मुद्दों के समाधान की दिशा में बहुत कम प्रगति दिखाई देती है। अमेरिका की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका, चीन के 250 अरब डालर के आयात होने वाले माल पर मंगलवार से प्रस्तावित शुल्क वृद्धि को निलंबित रखेगा। ट्रंप ने कहा कि इसके बदले में चीन ने अमेरिका से 50 अरब डालर के कृषि उत्पाद खरीदने पर सहमति जताई है। अन्य संभावित समझौते के बारे में ब्योरा तुरंत उपलब्ध नहीं हो पाया।
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अमेरिका और चीन के बीच व्यापार में चीन की अधिशेष की स्थिति और प्रौद्योगिकी को लेकर बढ़ती महत्वकांक्षा से वैश्विक व्यापार में समस्या पैदा हुई है। अर्थशास्त्रियों ने चेताया है कि दोनों देशों के बीच अंतिम समझौता होने में बातचीत में वर्षों लग सकते हैं। इन सब मुद्दों के बावजूद बातचीत के प्रत्येक दौर से पहले वित्तीय बाजारों में वृद्धि देखने को मिलती है और जब उसमें कोई प्रगति नहीं होती है तो ये वापस गिर जाते हैं। कंपनियों ने दोनों देशों के बीच शुक्रवार को हुये समझौते को एक सामान्य कदम बताया है और दोनों देशों की सरकारों से अपील की है कि वह आपसी लड़ाई को कम करने के लिये प्रयास तेज करें। उनकी इस लड़ाई से विनिर्माण और किसानों को काफी नुकसान पहुंच रहा है।
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हालांकि, अमेरिका अभी भी 15 दिसंबर से 160 अरब डालर के स्मार्टफोन और अन्य आयातों पर शुल्क वृद्धि की योजना बना रहा है। इससे पहले, ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग नवंबर मध्य में चिले में एक आर्थिक सम्मेलन में मिलने वाले हैं। उनकी आमने सामने होने वाली इस मुलाकात से किसी प्रगति की उम्मीद बंधती है। ट्रंप ने कहा कि शुक्रवार के समझौते को अभी कागजों में उतारा जाना है लेकिन कहा, ‘‘हम इसे अगले चार सप्ताह के दौरान करने में सक्षम होंगे।’’ उधर चीन की सरकार ने इस व्यापक प्रगति का स्वागत किया है लेकिन संभावित समझौते के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया।