एक पल खुशी और दूसरे पल उदासी। ऐसा हम सभी ने कभी ना कभी एक्सपीरियंस किया ही है। इसे मूड स्विंग्स कहा जाता है, जब आप बिना किसी वजह के बेहद खुश या उत्साहित महसूस करते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि आप बेवजह दुखी, परेशान या उदास हों। अक्सर इस सिचुएशन में हमें समझ में नहीं आता है कि खुद को किस तरह हैंडल करें। हालांकि, कभी आपने सोचा है कि बार-बार होने वाले मूड स्विंग्स के पीछे की वजह क्या हो सकती हैं। अगर नहीं, तो चलिए आज इस लेख में हम आपको इस बारे में बता रहे हैं-
हार्मोनल बदलाव
मूड स्विंग्स के पीछे की सबसे मुख्य वजह शरीर में हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं। मसलन, प्यूबर्टी, पीरियड्स, प्रेग्नेंसी व मेनोपोज के दौरान महिलाओं में बहुत तेजी से हार्मोनल उतार-चढ़ाव होते हैं, जो उनके मूड को प्रभावित कर सकते हैं। इतना ही नहीं, कई बार हार्मोनल डिसऑर्डर जैसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) आदि भी मूड स्विंग्स की वजह बन सकते हैं।
स्ट्रेस
कई बार स्ट्रेस की वजह से भी आपको मूड स्विंग्स हो सकते हैं। यह स्ट्रेस काम, रिलेशनशिप या फिर जीवन की किसी अन्य घटनाओं के कारण हो सकते हैं। अगर आप भी ऐसी ही किसी स्थिति में हैं, तो खुद को रिलैक्स करने के लिए कुछ एक्टिविटीज का हिस्सा बनें।
नींद संबंधी समस्या
अगर आप इन दिनों नींद से जुड़ी किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं। मसलन, अगर आपको नींद कम आ रही हैं या फिर आपका स्लीप पैटर्न अनियमित है तो ऐसे में आपकी बॉडी में स्ट्रेस लेवल बढ़ सकता है। जिससे आपको मूड स्विंग्स की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
मेडिकल साइड इफेक्ट्स
कई बार मेडिकल साइड इफेक्ट्स के कारण भी व्यक्ति को मूड स्विंग्स हो सकते हैं। कभी-कभी कुछ हेल्थ कंडीशन को ठीक करने के लिए हम दवाइयों का सेवन करते हैं। ऐसे में उसके साइड इफेक्ट के रूप में आपको बहुत अधिक उत्साहित या उदासी का अहसास हो सकता है।
एनवायरनमेंट ट्रिगर
कभी-कभी कुछ लोगों को बदलते मौसम के साथ भी मूड स्विंग्स की समस्या होती है। इसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर मतलब एसएडी के रूप में जाना जाता है। ऐसे में व्यक्ति अधिक उदास महसूस करता है। यहां तक कि उसकी फूड क्रेविंग्स भी बढ़ने लगती है।
- मिताली जैन