By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 12, 2023
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र जल्द ही एक समिति गठित करेगा, जो मडिगा समुदाय के सशक्तीकरण के लिए हरसंभव तरीके अपनाएगी। उन्होंने अनुसूचित जातियों को श्रेणीबद्ध करने की मडिगा समुदाय की मांग के संदर्भ में यह बात कही। मोदी यहां मडिगा रिजर्वेशन पूरता समिति (एमआरपीएस) द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे। यह समिति मडिगा समुदाय का एक सामुदायिक संगठन है। तेलुगु भाषी राज्यों में अनुसूचित जातियों में मडिगा समुदाय की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। समुदाय अनुसूचित जातियों को श्रेणीबद्ध करने की लड़ाई लड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा पिछले तीन दशक से प्रत्येक संघर्ष में आपके साथ खड़ी रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम यथाशीघ्र इस अन्याय को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं...यह हमारा चुनावी वादा है कि हम शीघ्र ही एक समिति गठित करेंगे जो आपको सशक्त करने के लिए हरसंभव तरीके अपनाएगी। आप और हम यह भी जानते हैं कि उच्चतम न्यायालय में एक बड़ी कानूनी प्रक्रिया जारी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम न्याय सुनिश्चित करेंगे। यह देखना भारत सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है कि आपको न्यायालय में भी न्याय मिले। पूरी ताकत से, भारत सरकार आपके सहयोगियों की तरह न्याय के पक्ष में खड़ी रहेगी।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने एमआरपीएस के संस्थापक कृष्णा मडिगा का कंधा थपथपाया, जो भावुक हो गये और उन्हें गले लगा लिया। मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर भी हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि इसके कारण संविधान निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर को दशकों तक भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया जा सका और केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार बनने के बाद ही यह संभव हुआ था।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस ने दो बार बाबासाहेब आंबेडकर को जीतने नहीं दिया। दशकों तक, कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया कि बाबासाहेब की तस्वीर पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में न लगे...कांग्रेस के चलते बाबासाहेब को दशकों तक भारत रत्न नहीं मिला था।’’ तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पर प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि अलग राज्य के रूप में तेलंगाना के गठन के लिए जारी आंदोलन के दौरान उन्होंने एक दलित को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था। मोदी ने कहा कि लेकिन राज्य के गठन के बाद, मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने प्रत्येक दलित की आकांक्षाओं को कुचलकर मुख्यमंत्री की कुर्सी हथिया ली। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बीआरएस दलित-विरोधी है और कांग्रेस उससे कम नहीं है।’’ मोदी ने कहा कि राजनीतिक दलों और उसके नेताओं ने अतीत में मडिगा समुदाय से वादे किये तथा उनके साथ विश्वासघात किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनके पापों के लिए मैं माफी मांग रहा हूं।’’
प्रधानमंत्री ने पूछा, ‘‘बीआरएस ने दलितों को जमीन मुहैया कराने का वादा किया था, क्या इसने वादा पूरा किया?’’ उन्होंने पूछा, ‘‘बीआरएस ने ‘दलित बंधु’ योजना (दलितों को व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता) के तहत हजारों करोड़ रुपये देने का भी वादा किया। क्या आपको इससे फायदा हुआ?’’ मोदी ने दावा किया कि अदालत को यह कहना पड़ा कि ‘दलित बंधु’ योजना के लाभार्थियों का चयन निष्पक्ष तरीके से किया जाना चाहिए। मोदी ने आरोप लगाया कि बीआरएस सरकार ने सिंचाई योजनाओं के बजाय ‘‘सिंचाई घोटाले’’ दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीआरएस सरकार ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर हजारों करोड़ रुपये का ‘‘शराब घोटाला’’ किया।