शिगार घाटी घूमने आइए, यहाँ आपको कई ऐतिहासिक स्थल मिलेंगे

By ट्रैवल जुनून | Feb 01, 2019

ये आर्टिकल मूलतः Travel Junoon पर प्रकाशित किया गया है।

 

शिगार घाटी का नाम शिगार नदी के नाम पर पड़ा है। बाईं ओर की तस्वीर इसी इलाके की है। ये घाटी 170 किलोमीटर तक फैली है जो स्कार्दू से असकोल तक जाती है और यहीं से काराकोरम पर्वत श्रृंखला की शुरुआत होती है। शिगार का कस्बा घाटी की सबसे बड़ी बसावट है। हालांकि ये इलाका सुदूर क्षेत्र में है और आम लोगों की पहुंच से दूर है लेकिन फिर भी यहां कई गांव मौजूद हैं। अब शिगार एक जिला बन चुका है।

 

ये तस्वीर अलटिट किले की है जो हुंजा घाटी में स्थित एक ऐतिहासिक धरोहर है। यह यहां पूर्व में शासकों का घर रह चुका है जो मीर नाम लगाते थे। यहां का अलटिट किला कम से कम 1100 साल पुराना है और ये गिलगित-बाल्टिस्तान की सबसे पुरानी धरोहर है।

 

स्कार्दू एयरपोर्ट एक घरेलू नागरिक हवाई अड्डे के साथ साथ गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान का एयरबेस भी है। ये पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से जुड़ा है। पाकिस्तान की इंटरनेशनल एयरलाइन फ्लाइट के साथ-साथ ये पाकिस्तान एयरफोर्स के लिए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस के रूप में भी काम करता है।

 

वर्तमान में गिलगित-बल्तिस्तान, सात ज़िलों में बंटा हैं, इसकी जनसंख्या लगभग दस लाख और क्षेत्रफल 28,000 वर्ग मील है।

 

गिलगित नदी, जिसे गिजर नदी भी कहा जाता है, ये पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में बहती है। यह सिन्धु नदी की ही एक उपनदी है। गिलगित शहर इसी नदी के किनारे बसा हुआ है। गिलगित नदी 12,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित शंदूर झील से शुरू होती है और आगे चलकर इसमें पहले दाईं तरफ से गिजर नदी और फिर बाईं तरफ से हुन्जा नदी मिलती है।

 

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गिलगित-स्कार्दू रोड एक बेहद खूबसूरत लेकिन भयानक सड़क मार्ग है। यह 167 किलोमीटर लंबा है। इसे स्ट्रैटिजिक हाइवे (एस-1) के नाम से भी जाना जाता है। ये सड़क काराकोरम हाईवे, गिलगित-बाल्टिस्तान से शुरू होती है और नेमसेक जिले तक जाती है जो 1500 मीटर की ऊंचाई पर है। इस सड़क में कई तरह के खतरनाक रास्ते हैं। ये सिंधु नदी के साथ साथ चलती है। कई जगह ये चौड़ी दिखाई देती है तो कहीं बेहद दुर्गम, कहीं ये इतनी संकरी हो जाती है कि इसमें से सिर्फ एक वाहन एक बार में गुजर सकता है। इसे दुनिया के सबसे जोखिम भरे रास्तों में गिना जाता है।

 

ये तस्वीर हुंजा घाटी की है। ये एक पर्वतीय घाटी है जो पाकिस्तान के सुदूर उत्तरी हिस्से में है। ये अफगानिस्तान के वखान कॉरिडोर से लगता है और चीन के शिन्जियांग प्रांत से भी लगा हुआ है।

 

हुसैनी पुल को दुनिया के सबसे खतरनाक पुलों में गिना जाता है। ये ऊपरी हुंजा में स्थित है। पहले ये बेहद संकरा और साधारण था लेकिन रिपेयरिंग के बाद इस पर काफी लोग आसानी से जा सकते हैं।

 

काराकोरम हाईवे दुनिया की सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित एक पक्की अंतरराष्ट्रीय सड़क है। यह काराकोरम पर्वत श्रृंखला से होकर गुजरती है व चीन-पाकिस्तान को खुंजराब दर्रे के माध्यम से आपस में जोड़ता है। यहां इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 4693 मीटर है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्तिस्तान के साथ चीन के शिंजियांग क्षेत्र को जोड़ता है। इसके साथ ही यह एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण भी है। काराकोरम राजमार्ग को आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान में N-35 और चीन में चीन का राष्ट्रीय राजमार्ग 314 (G314) के नाम से जाना जाता है।

 

फंदेर झील, फंदेर गांव में ही स्थित है। ये गिजर जिले में है। इस झील में आपको हमेशा शुद्ध जल मिलेगा। ये झील 44 मीटर तक गहरी है जिसमें बड़े बड़े पेड़ भी हैं।

 

ट्रैवल जुनून

 

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