योगी ने सपा विधायकों को दिखाया आईना, CM ने विधानसभा में बताया- कैसे डबल इंजन सरकार ने Uttar Pradesh की बदल कर रख दी पहचान

By नीरज कुमार दुबे | Dec 17, 2024

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शिक्षा क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को रखा। उन्होंने सपा विधायक मनोज कुमार पारस, पूजा, पंकज पटेल के मुद्दे को महत्वपूर्ण व संवेदनशील बताया, लेकिन नसीहत दी कि सदस्यों को सदन की गरिमा व मर्यादा को ध्यान में रखकर तथ्यपरक बातें रखनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया। हमारी सरकार ने 1.60 लाख से अधिक भर्तियां शिक्षा विभाग में की हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि समग्र शिक्षा (बेसिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकी, व्यावसायिक, चिकित्सा शिक्षा) को लेकर नया चयन बोर्ड (उप्र. शिक्षा सेवा चयन आयोग) बनकर तैयार है। वह विभिन्न विभागों से अधियाचन मांगकर नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। हमारी सरकार ने अकेले शिक्षा विभाग में ही 1.60 लाख से अधिक भर्तियां की हैं। यह वे भर्तियां हैं, जो पिछली सरकार की बदनीयती के कारण भरी नहीं जा सकी थीं। 


आरक्षण के नियमों का हो रहा अक्षरशः पालन


मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी देश, दुनिया व उत्तर प्रदेश के सामने चुनौती है। उत्तर प्रदेश दुनिया के अंदर सबसे युवा राज्य है। 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 56 से 60 फीसदी आबादी वर्किंग फोर्स-युवा है। हमारी सरकार ने राज्य के युवाओं को ध्यान में रखकर अनेक कार्य किए हैं। पिछले सत्र में हमारी सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए  सार्वजनिक परीक्षा व अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम -2024 को पारित किया। प्रदेश के युवाओं को ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरियां प्राप्त हो रही हैं। इसमें आरक्षण के नियमों का अक्षरशः पालन किया जा रहा है।  


सदस्यों द्वारा रखे गए आंकड़े तथ्यपरक नहीं


मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर सदस्यों द्वारा रखे गए आंकड़े तथ्यपरक नहीं हैं। यदि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की भर्तियों की प्रक्रिया को पूर्ण करने की बात है तो 69000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी हुए हैं, वे सभी चार वर्षों से स्कूलों में पढ़ा भी रहे हैं। उससे पहले 68500 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को संपन्न किया गया, क्योंकि उस समय बीएड को एनसीटीई ने उस परीक्षा के योग्य नहीं माना था और उस समय बीटीसी के इतने अभ्यर्थी हमारे पास नहीं थे। इसमें केवल 42 हजार शिक्षकों की भर्ती हो पाई थी, जो आज बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। इन सभी को नियुक्ति पत्र जारी हुआ।


पिछली सरकारों ने शिक्षा की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया था


मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने शिक्षा की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया था। शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में भर्ती किया था। माननीय उच्चतम न्यायालय ने उन्हें खारिज करके सेवाओं को समाप्त करने का आदेश किया था, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें निश्चित मानदेय पर रखा है। वे सभी शिक्षामित्र भी यथावत कार्य कर रहे हैं। उन्हें वेटेज देकर भर्ती प्रक्रिया से जोड़ा गया था। माननीय उच्चतम न्यायालय की मंशा के अनुरूप कदम उठाए गए थे। 44,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग बोर्ड व उच्चतर शिक्षा चयन आयोग बोर्ड के द्वारा संपन्न की जा चुकी है।

 

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सीएम ने कराया हकीकत से वाकिफ


मुख्यमंत्री ने कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ी विनम्रता से कहूंगा कि पिछड़ी जाति के 27 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर 18 हजार पद आरक्षित होते हैं और पिछड़ी जाति के उसमें 32,200 से अधिक नौजवान भर्ती हुए हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण की सीमा 21 फीसदी है, जिसमें 12 हजार पद उनके लिए आरक्षित होते हैं, लेकिन भर्ती हुई है 14 हजार से अधिक की। ये चीजें दिखाती हैं कि अपनी योग्यता और मेरिट से जो लोग आगे बढ़े हैं, उन्हें जनरल कैटेगरी का भी लाभ दिया गया है। जनरल के जो 34,500 पद थे, उसमें भर्ती हुई है मात्र 20 हजार। यह उन सबके लिए आंखें खोलने वाला होना चाहिए, जो इनके नाम पर राजनीति करके समाज में बंटवारे की खाई को चौड़ा करना चाहते हैं।


उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 1.56 लाख पुलिस कर्मियों की हो चुकी भर्तीः मुख्यमंत्री 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डबल इंजन सरकार में यूपी की बदली पहचान से सदन को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार में उत्तर प्रदेश पुलिस बल में एक लाख 56 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती अब तक पूरी हो चुकी है। वे सभी कार्य कर रहे हैं, इसमें 22, 700 से अधिक महिलाएं शामिल हैं। बालिकाओं को भी पुलिस बल में मौका दिया गया है, उनके लिए 20 प्रतिशत पद आरक्षित करते हुए भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। अभी हाल ही में हमारी सरकार ने 60, 200 से अधिक पुलिस की भर्ती प्रक्रिया को बहुत शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न किया है। प्रदेश के अंदर हर जनपद के युवा इस भर्ती में आए हैं। हमारी सरकार ने सात-साढ़े सात वर्ष में सिंचाई, वन, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों में लगभग 7 लाख के करीब भर्ती की प्रक्रिया को पूरा किया है। भर्ती की प्रक्रिया पारदर्शिता और ईमानदारी से हुई है, इस पर कोई प्रश्न नहीं खड़ा कर सकता है। 


हाईस्कूल, इंटर, स्नातक थर्ड डिवीजन व्यक्ति को यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन का अध्यक्ष बना दिया गया था


मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की स्थिति क्या थी। कौन नहीं जानता कि क्या होता था। आप लोग भूल गए, जब 86 एसडीएम पद में से 56 एक ही जाति विशेष के लोग भर दिए गए। दूसरा, वही प्रयागराज है जहां पब्लिक सर्विस कमीशन के कार्यालय में महीनों तक यूपी के नौजवानों ने धरना दिया था। एक अयोग्य व्यक्ति, उस पद के लिए उपयुक्त नहीं था, जिसकी डिग्री फर्जी थी, उसे आयोग का अध्यक्ष बनाकर पूरे कमीशन और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया था। उस समय कैसे-कैसे लोग अध्यक्ष बनाए गए थे, जो स्वयं एक लेक्चरर होने के एलिजिबिल नहीं था। हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएशन थर्ड डिवीजन, पीएचडी की डिग्री भी फर्जी, वह व्यक्ति उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन का अध्यक्ष बन गया था। 


हमारी सरकार में खुश होते हैं नौजवान, क्योंकि बिना सिफारिश मिलता है नियुक्ति पत्र


मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए इस समय रिफॉर्म किए जाते हैं। आयोगों और बोर्डों को इसका पूरा अधिकार होता है। प्रक्रिया ईमानदारी से पूरी होनी चाहिए। पब्लिक सर्विस कमीशन, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और शिक्षा आयोग भी उसके लिए अधिकृत होते हैं। वे इस प्रक्रिया को कर सकते हैं। जब भी उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए जरूरत होती है, वे इस प्रकार के कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। उनकी शुचिता और पारदर्शिता पर कोई प्रश्न नहीं उठा सकता। इसीलिए इन युवाओं को नियुक्ति पत्र देने के लिए मैं और मेरे मंत्रिमंडल के सदस्यगण जाते हैं। जनप्रतिनिधियों से भी कहते हैं कि वो जिले जिले में जाकर नियुक्ति पत्र वितरण में योगदान दें। हर नौजवान इसके लिए खुश होता है कि सिफारिश किए बगैर न सिर्फ हमारी नियुक्ति हुई, बल्कि हमें नियुक्ति पत्र भी प्राप्त हो रहा है। यह हमारे लिए जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण है। 


2012-17 के बीच बेरोजगारी दर थी 19 फीसदी, आज 2.4


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति इसीलिए है, क्योंकि यूपी में अधिक से अधिक निवेश आए। ये 40 लाख करोड़ रुपए का जो निवेश है, यह उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 25 लाख से अधिक नौजवानों को सीधे-सीधे नौकरी की गारंटी दे रहा है। इसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को हम धरातल पर उतार चुके हैं और 10 लाख करोड़ पाइपलाइन में है, जिसे हम कभी भी ग्राउंड ब्रेकिंग करके आगे बढ़ा सकते हैं। यहां सुरक्षा, बेहतर कानून व्यवस्था और दंगा मुक्त प्रदेश का वातावरण बना है। इस कारण देश और दुनिया का हर निवेशक प्रदेश में आना चाहता है। इसी का परिणाम है कि 2012-17 के बीच में प्रदेश की बेरोजगारी दर थी वो 19 फीसदी से अधिक थी और आज यह 2.4 है। यह चीजें दिखाती हैं कि सरकार के कदम अच्छी दिशा में आगे बढ़े हैं। सरकार ने रोजगार सृजन के लिए भी मेले लगाए हैं। स्किल डेवलपमेंट, पीएम विश्वकर्मा, विश्वकर्मा श्रम सम्मान के माध्यम से जगह-जगह रोजगार मेले लग रहे हैं। 


आरबीआई की रिपोर्ट कहती है-भारत के अंदर उत्तर प्रदेश का बैंकों से लेनदेन सर्वाधिक

  

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के दिन जब रिजर्व बैंक अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करता है तो उसकी रिपोर्ट कहती है कि भारत के अंदर उत्तर प्रदेश का बैंकों से लेनदेन सर्वाधिक है। जब हम लोग आए थे तब सीडी रेशियो 44 के आसपास था और आज यह 60 फीसदी है। यह दिखाता है कि यदि 100 रुपए जमा हो रहा है तो 60 रुपये यूपी के अंदर ही यहां के नौजवानों, बेरोजगारों और यूपी के ही व्यावसाइयों को राज्य के अंदर रोजगार सृजन करने, यूपी में नए रोजगार को बढ़ाने में मदद करता है। हम मानते हैं कि इसको 75 फीसदी होना चाहिए था, लेकिन हमको विरासत में क्या मिला था। 


ओडीओपी के माध्यम से हमने लाखों नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए


सीएम ने कहा कि प्रदेश के अंदर एमएसएमई सेक्टर रोजगार का सबसे बड़ा माध्यम है, वह मृतप्रायः सा हो चुका था। आज वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के माध्यम से भी हम लोगों ने लाखों नौजवानों को उन्हीं के जनपद में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। कृषि सेक्टर में जो रिफॉर्म हुए हैं, जो सुविधाएं मिली हैं, उससे किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने का काम किया गया है। प्रोक्योरमेंट की पॉलिसी लाकर पारदर्शी तरीके से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। खेती की विविधीकरण की दिशा में सरकार ने कदम उठाए हैं। 23 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई है। इसने किसानों की आमदनी को बढ़ाया है। 


आप चीनी उद्योगों को तबाह कर रहे थे, हम आबाद कर रहे हैं


मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग कैसे चलने चाहिए ,चीनी उद्योग इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। आप लोग चीनी उद्योगों को बेच रहे थे, तबाह कर रहे थे, आज 120 चीनी मिलें अकेले उत्तर प्रदेश चला रहा है और उनमें से 100 चीनी मिलें ऐसी हैं जो एक सप्ताह से दस दिन के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं। बाकी 20 चीनों मिलों पर भी दबाव है कि आप भी इस प्रक्रिया के साथ जुड़िए। देश के अंदर सबसे अधिक कंप्रेस्ड बायोगैस के अधिक प्लांट लगाने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। एथेनॉल उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है। सबसे अधिक चीनी उत्पादन करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। सबसे अधिक रोजगार और नौकरी देने वाला राज्य भी उत्तर प्रदेश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में और भी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

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