सरकार की खूबियों से लेकर नेता प्रतिपक्ष की कमियों तक CM योगी ने सब कुछ गिनाया, पढ़ें संबोधन की बड़ी बातें

By प्रेस विज्ञप्ति | May 31, 2022

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आभारी हूँ कि 26 मई को माननीय वित्त मंत्री जी द्वारा प्रस्तुत बजट पर नेता प्रतिपक्ष सहित 124 सदस्यों ने अपने अमूल्य विचारों को रखा है। सत्ता पक्ष के 77 और विपक्ष के 49 सदस्यों ने अपने विचार रखे। अपने महत्वपूर्ण सुझावों के माध्यम से प्रदेश के विकास के लिए मिलकर काम करने के सम्बंध में चर्चा की, सुझाव दिए।

मुख्यमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु:- 

● कई वर्षों के बाद सदन में इतनी गंभीर चर्चा हो रही है। इससे सदन की गरिमा बढ़ी है और इससे आमजन के मन मे सदन के प्रति विश्वास बढ़ेगा। सभी सदस्यों के प्रति आभार। 

● हमारा प्रयास होगा को सदस्यों की भावनाओं के अनुरूप नीतियों को लागू किया जाए।

● नेता प्रतिपक्ष अपने भाषण में कभी कभी फिसल भी जा रहे थे। वो ऐसे मुद्दे पर आ गए जिनका बजट से कोई वास्ता नहीं था। इस पर मुझे दुष्यंत कुमार का शेर याद आता है....

'कैसे कैसे मंजर नजर आने लगे हैं, गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं।"

● शब्द ब्रम्ह है। सदन में कहा गया हर एक शब्द यहां भावी पीढ़ी के लिए मार्गदर्शिका के रूप में होगा। हमें इसका ध्यान रखना चाहिए।

● नेता प्रतिपक्ष बता रहे थे कि वो एक स्कूल में गए तो बच्चे से उन्हें अपने बारे में पूछा। बच्चे ने उन्हें राहुल गांधी के रूप में पहचाना।

● बच्चे मन के सच्चे होते हैं। भोले भाले होते हैं। जो कहा होगा सोच कर कहा होगा। वैसे भी दोनों में कोई बड़ा अंतर नहीं है। अंतर यही है कि वो देश के बाहर देश की बुराई करते हैं आप प्रदेश के बाहर उत्तर प्रदेश की बुराई करते हैं। 

● नेता प्रतिपक्ष ने समाजवाद के बहाने प्रधानमंत्री जी के प्रयासों को स्वीकार किया है यह अच्छा है। हमारी योजनाओ का आधार पंडित दीनदयाल जी के 'अंत्योदय' विचार हैं। 

● अभी मैं अन्नदाता किसानों को पीएम किसान योजना अंतर्गत 11वीं क़िस्त भेजने के एक कार्यक्रम में था। उत्तर प्रदेश के 2.55 करोड़ किसान पीएम किसान योजना से लाभान्वित हुए हैं। 

● आप समस्या के बारे में सोचते हैं, हम समाधान के बारे में सोचते हैं। फर्क साफ है। 

● उत्तम समय कभी नहीं आता। समय को उत्तम बनाना होता है। सपा और भाजपा में यही अन्तर है। 

● हमारी सरकार द्वारा 26 मई को प्रस्तुत 2022-23 का बजट अब तक के सभी बजट से सबसे बड़ा है।

● 1947 में प्रदेश का जो पहला

बजट आया था वो कुल 103 करोड़ रुपये का था। उस समय भारत की प्रति व्यक्ति आय थी 267 रुपये और प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 259 रुपये थी। इस समय देश की जीडीपी ₹9530 करोड़ थी। प्रदेश की जीएसडीपी ₹1628 करोड़ थी। 

● भारत ने इस दौरान लंबी यात्रा की। इतनी बड़ी आबादी को नेतृत्व देते हुए कई चुनौतियां आईं। 

● 1947 में राष्ट्रीय औसत के बराबर ही प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय थी। लेकिन इन 70- 75 वर्षो में हम कहाँ खो गए। 2015-16 में ऐसा क्या हो गया कि समाजवादी पार्टी के समय प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1/3 रह गई थी। क्यों रह गई 1/3। हम आपको ब्लेम नहीं कर रहे। लेकिन कोई तो कारण रहा होगा। कि 1947 में देश की प्रति व्यक्ति आय के 1/3 क्यों रह गईं। हमें सोचना होगा कि हम कहाँ लेकर जा रहे थे प्रदेश को।

● 1947 में फिर 2016-17 और फिर आज 2022-23 में प्रदेश की स्थिति की समीक्षा करनी होगी। सभी माननीय सदस्यों को इस चिंतन को आगे बढाना होगा। यूपी में पोटेंशियल है। 

● कोई स्कीम व्यक्ति या पार्टी के लिए नहीं होती। भाजपा सरकार के आने के बाद जो कुछ हुआ है वह 25 करोड़ जनता के उत्थान के लिए हुआ है। जनता को साक्षी मानकर हुआ है। 

● जब तक हमारे  लक्ष्य ऊंचे नहीं होंगे, तब तक हमारी उपलब्धियां बड़ी नहीं होंगी। आज बजट जा दायरा बढ़ा है। 2015-16 का बजट 03 लाख करोड़ का था, आज 06 लाख 15 करोड़ का बजट पेश हुआ है।

● 2012-17 के सापेक्ष 2017-22 के बीच कुल 6 लाख 62 हजार करोड़ से ज्यादा का खर्च हमने किया है। यह विकास के लिए खर्च हुआ है।

● प्रदेश के विकास को 19.6% की दर से वृद्धि करने में हम सफल हुए हैं। 

● 2016-17 के बजट में आमदनी में से राज्य के कर 29% था। यानी इनकम नहीं बढ़ा पा रहे थे। हमने 05 सालों में बढ़ोतरी करके बजट का 36.5 फीसदी अपनी आय से कर रहे हैं वित्तीय प्रबंधन से कर चोरी को रोका है। 

● 2016-17 में बजट का 15.88% वित्त पोषण ऋण के रूप में था। बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं पर निर्भरता थी। अब 2022-23 में यह मात्र 13% रह गई है। शेष अपने स्रोतों या केंद्र से प्राप्त सहयोग से हो रहा है।

● पहले बजट का 8% हम लोग पुराने ऋणों के देय में खर्च करते थे। अब यह 7.6% रह गई है। इस दौरान हमने प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने में सफलता पाई है। औद्योगिक विकास को एक नई गति दी है। 

● आज कुल जीएसडीपी आज 21 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। बैंकों के सीडी रेशियो में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। कॉमन मैन अपने पैरों पर खड़ा होकर स्वावलंबी हो रहा है। 

● 2012-17 के बीच कुल 5.20 लाख करोड़ का ऋण वितरित हो सका था, हमारे 05 सालों में 9 लाख 52 हजार करोड़ का ऋण वितरण किया। बैंकों के व्यवसाय बढ़ा है। लोगों को सुविधा मिली है।

● उत्तर प्रदेश का बजट प्रबंधन महत्वपूर्ण है। कोरोना की चुनौतियों और इंफ्रास्ट्रक्चर के अभूतपूर्व कार्यों, लोककल्याण की अनेक योजनाओं के बाद भी हमने एफआरबीएम को तय सीमा 4.5% के सापेक्ष स्वयं को 3.96% तक ही रखा है। यह हमारा कुशल वित्तीय प्रबंधन है।

● यह हमारी सरकार का 6वां बजट था। नेता प्रतिपक्ष को हमारे लोक कल्याण संकल्प पत्र की बातें याद आ रही थीं। यजी अच्छी बात है कि उन्होंने हमारे लोककल्याण संकल्प पत्र को पढ़ा।

● हम लोगों ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पूर्व एक लोक कल्याण पत्र जारी किया था। इस संकल्प पत्र में कुल 130 घोषणाएं थीं, जिसमें 97 संकल्पों को हम लोगों ने अपने इस पहले ही बजट में स्थान दिया है। इसके लिए ₹54,883 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 

● यह संकल्प है तो संकल्प में बहाना नहीं चलेगा। हर संकल्प पूरा होगा।

● प्रदेश का यह बढ़ा हुआ राजस्व, राज्य के विकास का आधार बन रहा है। हम प्रदेश को प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश को दिशा देने में सफल हुए हैं। प्रदेश की छवि बदली है। 

● नेता प्रतिपक्ष को गोबर में बदबू आती है। कैसी विडंबना है! गाय के गोबर को लक्ष्मी का स्वरूप माना होता तो ऐसा नहीं कहते। हो सकता है वह पूजा न करते हों, चचा शिवपाल जी से ही कुछ सीखा होता...

● हमारा देश कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाला है। पूजा से लेकर अर्थव्यवस्था तक गाय गोबर से संबंधित है। इसीलिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ा रहे हैं। गाय को कैसे छोड़ सकते हैं। 

● गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में हम इसे बढ़ा रहे हैं। बुंदेलखंड में इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। 

● आज तो गोबर से अगरबत्ती भी बन रही है। नेता प्रतिपक्ष अगर पूजा करते तो जरूर जलाते। उनके भाषण में भैंस के दूध के असर दिख रहा था। अगर गाय का दूध पीते तो ऐसी बाते नहीं करते। फिर भी नेता प्रतिपक्ष ने गाय को गोमाता कहा, इसके लिए धन्यवाद। 

● यह दूध पीने तक ही सीमित नहीं है। बहुत काम की हैं गोमाता।

● हमारा संकल्प है विकास सबका तुष्टिकरण किसी का नहीं। राशन हो या आवास कोई लाभार्थी नहीं कह सकता कि उसके मत मजहब जाति के आधार पर योजना को लाभ नहीं मिला। 

● कन्नौज में इस समय 375 इकाइयां इत्र निर्माण के कार्य में लगी हुई हैं और हमने कन्नौज के इत्र को "एक जनपद एक उत्पाद" के रूप में चिन्हित किया है। आज यहां के इत्र की खुशबू पूरी दुनिया में गमक रहा है। 

● हमारी सरकार के विशेष प्रयासों के फलस्वरूप पिछले 5 वर्षों में 55 नई इकाइयां स्थापित हुई हैं तथा वर्तमान में इत्र से लगभग 800 करोड़ रूपये का वार्षिक व्यापार हो रहा है।

● कोरोना काल के बावजूद पिछले वर्ष 2.7 मिलियन यूएस डॉलर के निर्यात किया गया इत्र का है।

● आपके "इत्र वाले मित्र" ने तो खूब खेल किया। और आपने इत्र पार्क की घोषणा तो जरूर की थी, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं किया। 

● 2017 में हमने परियोजना की स्थापना 30 एकड़ के स्थान पर प्रथम चरण में 50 एकड़ भूमि पर  करने का निर्णय लिया। मानचित्र स्वीकृत किया। "इत्र पार्क एवं संग्रहालय, कन्नौज" का नाम दिया।

● इत्र पार्क एवं संग्रहालय के विकास के लिए रुपए 100 करोड़  का बजटीय प्रावधान ऋण के रूप में किया गया है।

● वर्तमान में 30 एकड़ भूमि पर बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य रू 265.00 लाख एवं सड़क, नाली, पुलिया के विकास कार्य भी 800.00 लाख का प्रगति पर है, जिसकी भौतिक प्रगति लगभग 50 प्रतिशत है। 

● गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु आईआईटी कानपुर को Third Party Checking हेतु अनुबन्धित किया गया है। यहां व्यवस्थित ढंग से काम हो रहा है।

 ● आज 06 हजार करोड़ के ब्रास का सामान निर्यात हो रहा है। भदोही का कालीन उद्योग बंदी की कगार पर था, आज 4000 करोड़ का एक्सपोर्ट हो रहा है। फिरोजाबाद का कांच उद्योग नई ऊर्जा से आगे बढ़ रहा है। यह ओडीओपी आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के साथ आत्मनिर्भर भारत के लिए भी आधार बन रहा है। यूनियन बजट में भी इसका जिक्र है। 

● हमने लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन राशि को भी बढ़ाया है।

● हमने हमेशा सबका साथ सबका विकास , सबका विश्वास , सबका प्रयास का प्रतिनिधित्व करने वाला बजट प्रस्तुत किया है।

● राज्य सरकार ने अपने प्रत्येक बजट में एक थीम को लेकर योजनाबद्ध ढंग से प्रयास किया।

● वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017-18 में अपना पहला बजट किसानों को समर्पित किया था।वर्ष 2018-19 का बजट औद्योगिक विकास तथा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के लिए था।

● वर्ष 2019-20 का बजट महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित था।

● वर्ष 2020-21 का बजट युवाओं तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए समर्पित था। वर्ष 2021-22 के बजट का केन्द्र बिन्दु राज्य के विभिन्न वर्गों का स्वावलम्बन से सशक्तिकरण का था। 

● राज्य सरकार के इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि हम दोबारा जनता की सेवा के लिए निर्वाचित हुए हैं। हम बहाने नहीं बनाते। समाधान देते हैं।

● वर्ष 2022-23 का बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश एवं ' अंत्योदय ' की संकल्पना को समर्पित है। 

● वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। वर्ष 2015-16 में प्रदेश के बजट का आकार 03 लाख हजार 687 करोड़ रुपये का था,जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 06 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपये का हो गया।

● 05 वर्षों में प्रदेश के बजट के आकार में 02 गुने से अधिक की वृद्धि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

● वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक प्रदेश की जीएसडीपी  की औसत वृद्धि दर 12.28 प्रतिशत रही। जबकि वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में औसत वृद्धि दर 13.71 प्रतिशत रही।

● कोविड संक्रमण के प्रभाव स्वरूप आर्थिक गतिविधियों की दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2019-20 , 2020-21 एवं 2021-22 सामान्य नहीं रहे। इसके बावजूद वर्ष 2021-22 के प्रथम त्रैमास में प्रदेश की जीएसडीपी में 19.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

● कोरोना काल खण्ड में भी प्रदेश वासियों पर कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया गया। हमारी सरकार ने प्रदेश की जनता पर कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया। सभी के भरण पोषण की व्यवस्था  की। तमाम राज्य सरकारों ने वेतन में कटौती थी। हमने किसी भी कर्मचारी के वेतन में कटौती नहीं की। इसके बावजूद राज्य सरकार ने बजट के दायरे को बढ़ाने के लिए राजस्व संग्रह को भी बढ़ाया।

● वर्ष 2016-17 में राज्य का कर राजस्व लगभग 86 हजार करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2021-22 में 80 प्रतिशत बढ़कर 01 लाख 55 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

● वर्ष 2016-17 में GST और वैट से लगभग 51,800 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई, जो कोविड के बावजूद वर्तमान में बढ़कर लगभग 90,000 करोड़ रुपये हो गयी है।

● वर्ष 2016-17 में एक्साइज से 14,273 करोड़ रुपये के सापेक्ष वर्ष 2021-22 में 36,231 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।

● वर्ष 2016-17 में स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन में 11,564 करोड़ के राजस्व को वर्ष 2021-22 में बढ़ाकर 20,045 करें लाख रुपये किया।

● परिवहन में वर्ष 2016-17 में प्राप्त 5,148 करोड़ रुपये क राजस्य को वर्ष 2021-22 में बढ़ाकर 7,159 करोड़ रुपये किया गया।

● हमारी सरकार ने बीते 05 साल में एयरपोर्ट की स्थापना व विकास के लिए लगभग  6042.39 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। 

●  इसमें जेवर एयरपोर्ट के लिए 4100 करोड़, कुशीनगर के लिए 151.58 करोड़, अयोध्या के लिए 1013 करोड़, बरेली के लिए 24.93 करोड़, आगरा के लिए 64.94 करोड़ , प्रयागराज के लिए 340.53 करोड़ रुपये , कानपुर नगर के लिए 41.62 करोड़, मुरादाबाद के लिए 21.80 करोड़, कानपुर देहात 34.92 करोड़, चित्रकूट के लिए 33.31 करोड़, आजमगढ़ के लिए 24.67 करोड़, श्रावस्ती के लिए 32.70 करोड़, ललितपुर के लिए 35.00 करोड़, सहारनपुर के लिए 43.01 करोड़, हिंडन के लिए 7.11 करोड़, सोनभद्र के लिए 22.48 करोड़ और अलीगढ़ के लिए 50.16 करोड़ शामिल हैं।

●2012-17 के बीच आपने कुल 993.97 करोड़ रुपये विभिन्न एयरपोर्ट विकास के लिए  रखे थे पर  आपने अयोध्या,  आगरा और मेरठ की धनराशि को अन्यत्र खर्च  कर दिया।

● आपने मेरठ के लिए 29.92 करोड़ आवंटित किए जिसे 2015-16 में कानपुर को ट्रांसफर कर दिया।

● जेवर, कुशीनगर, बरेली, आगरा, प्रयागराज एयरपोर्ट के लिए हमने धनराशि जारी की। आपकी सरकार ने कुछ नहीं किया था 

● डिफेंस कॉरीडोर की घोषणा 2018 मैं माननीय प्रधानमंत्री जी ने किया था तब आपकी सरकार नहीं थी 

डिफ़ेन्स सेक्टर मैं  छह नोड हैं। हमने यहां भूमि अधिग्रहण  1598.84 हेक्टेयर भूमि प्राप्त कर चुके हैं। 8640 करोड़ के एमओयू भी हो चुके हैं। यहां ब्रम्होस मिसाइल भी बनने जा रही है। 

● एसडीजी में अलग से बजट नहीं, कन्वर्जन के माध्यम से काम किया जाता है। हमने इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के लिए काम क़िया। आपकी सरकार थी तब आपको गरीब बच्चों का मरना याद नहीं आ रहा था। आज इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर स्थापित हुए हैं। पीकू बने हैं। 

● कोरोना के दौरान 36 जिलों मेआइसीयू बेड नहीं थे आज हर जगह हैं। क्या यह पिछली सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी?

● नेता प्रतिपक्ष ने तो कई आंकड़े अपने कार्यकाल के दे दिए। यह सही हैकि तब यहां की शिक्षा देश मे नीचे से चौथे स्थान पर थी। आज शीर्ष स्थान पर है। 

● इंसेफेलाइटिस कालाजार का उन्मूलन जो 40 साल में नहीं हुआ वो हमने किया। 

● राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 के नतीजों के मुताबिक मैटरनल एनीमिया, संस्थागत प्रसव, शिशु मृत्यु दर सहित स्वास्थ्य के सभी मानकों पर प्रदेश में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। 

● NFHS-4 की तुलना में NFHS-5 में संस्थागत प्रसव 67.80% से बढ़कर 83.4% हो गई है।

● 70% बच्चों का पूरा टीकाकरण हुआ।

● स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत उत्तरप्रदेश नम्बर 1 स्थान पर है। अगर आपने काम किया होता तो आपको जानकारी होती।

● हमने इसमें कन्वर्जन मॉडल को भी इसमे लागू किया। इसमे इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर मॉडल लागू किया। राज्य सरकार ने अपने से संसाधनों से राज्य स्मार्ट सिटी का चयन किया है। 

● माफिया अपराधियों के खिलाफ हमने 2 हजार 81 करोड़ की संपत्ति जब्त की।एंटी भू माफिया टास्क फोर्स के माध्यम से 64 हजार 398 हेक्टेयर भूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त किया है। 

● हमने 05 वर्ष में 1 लाख 74 हजार 383 करोड़ गन्ना मूल्य का भुगतान किया।

● हमारी सरकार सभी कर्मचारियों के हितों के लगातार कार्य कर रही है। हमने ई पेंशन योजना लागू की।

● आपके द्वारा चुनावी लाभ के लिए कर्मचारियों को बहकाने के लिए शिगूफा छोड़ा गया। इन्हें आना ही नही था,ये जनता भी जानती थी। 

● ओल्ड पेंशन योजना के लिए 12 से 17 तक के कार्यकाल में क्या किया। तब याद नही है। आपने कर्मचारियों के साथ कितना बड़ा विश्वास घात किया..

● स्मार्ट सिटी में इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेन्टर , इन्टेलीजेन्ट ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम स्मार्ट रोड , स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग , स्मार्ट क्लासेस , स्मार्ट हेल्थ एटीएम, वाटर रीयूज प्रोजेक्ट, सालिड वेस्ट मैनेजमेन्ट आदि परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। 

● स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत सूरत में माह अप्रैल 2022 में आयोजित स्मार्ट सिटी कान्क्लेव में उत्तर प्रदेश को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। साथ ही साथ विभिन्न श्रेणियों में स्मार्ट सिटी आगरा को 02 , स्मार्ट सिटी वाराणसी को 03 एवं स्मार्ट सिटी सहारनपुर को 01 कुल 06 पुरस्कार प्राप्त हुए।

● स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत नगर विकास विभाग द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन के मिशन टू मूवमेन्ट की अवधारणा के अन्तर्गत 102 शहरी निकायों को स्मार्ट शहर के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना बनायी है।

● प्रदेश की पावर ट्रांसमिशन कैपेसिटी 2016-17 में 16, 348 मेगावॉट थी, जो 2021-22 में बढ़ाकर 28,000 मेगावॉट की गयी है।

● वर्ष 2017-22 की अवधि में उत्पादन क्षमता में 1980 मेगावाट की वृद्धि की गयी है। 

● आगामी दो वर्षों मे ओबरा ( सोनभद्र ) में 1320 मेगावॉट , जवाहरपुर ( एटा ) में 1320 मेगावॉट , घाटमपुर ( कानपुर देहात) में 1980 मेगावॉट और पनकी (कानपुर नगर) में 660 मेगावॉट कुल 5280 मेगावॉट की परियोजनाओं को पूर्ण किया जाना है। 

● नमामि गंगे परियोजना गंगा जी के साथ साथ सहायक नदियों के लिये भी है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में यहां अभूतपूर्व कार्य हुआ है। कानपुर के जाजमऊ और सीसामऊ में गंगाजी में गंदे पानी को गिरने से रोकने के लिये प्रभावी प्रयास किया गया है। आज यह सेल्फी पॉइंट बन गया है।

● गंगा जी आस्था के साथ साथ अर्थव्यवस्था को गति देने में उपयोगी सिद्ध हो रही है। देश के पहले वाटर वे का लोकार्पण प्रधानमंत्री जी ने किया है।

● एरिल, नून, पांडु, तमसा, मनोरमा सहित 70 से अधिक नदियां पुनर्जीवित किया है।

● सैनिक स्कूल में अब बालिकाओं को प्रवेश दिया जाए, यह काम उत्तर प्रदेश ने किया है। हमने इनकी क्षमता को दोगुना किया है।

● हम लोग 04 सैनिक स्कूल क्रियाशील हो चुके हैं, 01 और होने वाला है। हमारा प्रयास है कि हर मंडल मुख्यालय पर एक सैनिक स्कूल की स्थापना हो ।

● हम हर मण्डल में अटल आवासीय विद्यालय बना रहे हैं। यह श्रमिकों के बच्चों के लिए है। मंडल के बाद यह जिला स्तर पर और फिर न्याय पंचायत स्तर पर ऐसे मॉडल स्कूल खोलने का हमारा प्रयास है। 

● ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हम  आज नंबर दो हैं। पुलिस रिफॉर्म किये गए। तकनीक से जोड़ा गया। परिणामस्वरूप वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2021 में डकैती के मामलों में 73.94 प्रतिशत, लूट की घटनाओं में 65.88 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 33.95 प्रतिशत तथा बलात्कार के अपराध में 50.66 प्रतिशत की कमी आयी। 

● जब तक किसान के खेत में गन्ना होगा तब तक चीनी मिलें चलती रहेंगी। रमाला चीनी मिल आज भी चल रही है।

●ऊर्जा क्षेत्र के लिए बजट में 48,345 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है , जो पिछले बजट से 26 प्रतिशत अधिक है।

● पुलिस विभाग के लिए 32,811.42 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है पिछले 05 साल में पुलिस के बजट में करीब दोगुने तथा पुलिस के आवासीय / अनावासीय भवनों के बजट में 04 गुने से अधिक की वृद्धि हुई है। 

● कृषि , उद्यान एवं सहकारिता में पिछले वित्तीय वर्ष से 17% प्रतिशत अधिक बजट का प्राविधान किया गया है, जबकि पशुधन , दुग्ध एवं मत्स्य में यह वृद्धि 18 प्रतिशत तक है ।

● ग्राम्य विकास , पंचायतीराज एवं नगर विकास में यह वृद्धि 11 प्रतिशत की है , जबकि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के बजट में 34 प्रतिशत, आयुष में 27 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि की गयी है। 

● भावी राष्ट्र निर्माता युवाओं और बच्चों की शिक्षा का बजट 87 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए बजट में 58 प्रतिशत की की अभूतपूर्व वृद्धि की गई है।

● महिला एवं बाल कल्याण के लिए इस बजट में 28 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।

● प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को होली व दीपावली पर 02 निःशुल्क एलपीजी सिलेण्डर प्रदान करने के लिए 3,301 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है।

● प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 7,000 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।

●  • प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लिए 10,127 करोड़ 61 लाख रुपये प्रस्तावित किये गये हैं।

● मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 508.63 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।

● मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। 

● मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपये का प्राविधान प्रस्तावित है।

● निराश्रित महिला पेंशन योजना के लिए 4032 करोड़ रुपये का प्राविधान प्रस्तावित है।

● वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 7053.56 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। दिव्यांगजन पेंशन योजना में 01 हजार करोड़ रुपये का प्राविधान प्रस्तावित है।

● सपा सरकार ने छत्रवृत्ति रोक दी थी। हमने बजट में 3,953 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए प्रस्तावित की है।

● अटल आवासीय विद्यालयों के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।

● बजट में अन्नदाता किसानों के लिए भामाशाह भाव कोष की स्थापना का प्रस्ताव है।

● मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना क्षण योजना के लिए 650 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित है।

● मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 125 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।

● विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिए 112 करोड़ 50 लाख रुपये प्रस्तावित है।

● हर घर को नल के जरिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अमृत योजना 2.0 में 02 हजार करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। यह योजना प्रदेश के समस्त 734 नगर निकायों में लागू की जानी है। नगर विकास विभाग को इससे जनप्रतिनिधियों को जोड़ना चाहिए। 

● केन्द्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में चयनित 10 शहरों के लिए 02 हजार करोड़ रुपये तथा राज्य स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत चयनित 07 शहरों हेतु 210 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं।

● कानपुर , आगरा , वाराणसी , गोरखपुर , प्रयागराज तथा अन्य शहरों में मेट्रो रेल और दिल्ली- गाजियाबाद मेरठ आरआरटीएस परियोजनाओं के लिए लगभग 2,750 करोड़ रुपये का बजट है।

● जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 19,500 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।

● वाराणसी में रोप - वे के लिए बजट है।

● भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्वच्छ भारत मिशन ( नगरीय ) के लिए 1353 करोड़ 93 लाख रुपये एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अन्तर्गत 1788.18 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव है।

● बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास हेतु 2751 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।

● 05 वर्षों में विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना में स्मार्ट फोन / टैबलेट वितरण हेतु 1500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। अब तक 12 लाख स्मार्ट फोन और टैबलेट का वितरण हो चुका है।

● मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लिए 30 करोड़ रुपये का प्राविधान प्रस्तावित किया गया है।।सभी 75 जिलों में इसे विस्तार दिया जा रहा है।

● संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के कल घोषित परिणाम में सफल सभी युवाओं को बधाई-शुभकामनाएं।

 ● युवा कल्याण विभाग के ग्रामीण स्टेडियमों के संचालन , अनुरक्षण एवं उपकरण के लिए बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।

● वीरांगना झलकारी बाई महिला पुलिस बटालियन गोरखपुर , वीरांगना अवंतीबाई महिला पुलिस बटालियन बदायूं , वीरांगना ऊदा देवी महिला पुलिस बटालियन लखनऊ हेतु भूमि, आवासीय निर्माण , अनावासीय निर्माण , उपकरण हेतु बजट में धनराशि प्रस्तावित की गयी है।

●  जनपदों में पुलिस के लिए उपकरण लगाए जाने हेतु 250 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव किया गया है।

● सेफ सिटी योजना लखनऊ , गौतमबुद्धनगर , आगरा , गोरखपुर , प्रयागराज हेतु 523 करोड़ 34 लाख रुपये प्रस्तावित है।

● 08 मण्डलों - अलीगढ़ , आजमगढ़ , बस्ती , चित्रकूट धाम , देवीपाटन , मिर्जापुर प्रयागराज तथा सहारनपुर में एण्टी करप्शन ऑर्गनाइजेशन यूनिट की स्थापना हेतु बजट में धनराशि प्रस्तावित की गयी है। 

● महाकुम्भ मेला प्रयागराज 2025 के भव्य आयोजन की तैयारी हेतु एकमुश्त अनुदान हेतु 100 करोड़ रुपये का बजट दिया जाएगा। 

●बुजुर्ग पुजारियों , संतों एवं पुरोहितों के लिए पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन करने जा रहे हैं।

● पहले पैसा कब्रिस्तान के निर्माण में खर्च होता था आज धर्मिक स्थलों के पुनरोद्धार पर होता है। फर्क साफ है।

● मगहर में संत कबीर की निर्वाण स्थली पर शोध एकेडमी की स्थापना हो रही है। राष्ट्रपति जी के द्वारा इसका लोकार्पण होने जा रहा है।

● हम केशवदास बुन्देली अकादमी , गोस्वामी तुलसीदास अवधी अकादमी एवं सूरदास ब्रज भाषा अकादमी की स्थापना करने जा रहे हैं।

● महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केन्द्र चित्रकूट निषादराज गुह्य सांस्कृतिक केन्द्र श्रृंगवेरपुर, संत रविदास संग्रहालय एवं सांस्कृतिक केन्द्र वाराणसी की स्थापना के लिए 31 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।

● चित्रकूट में महर्षि वाल्मीकि , वाराणसी में संत रविदास तथा श्रंग्वेरपुर में निषादराज गुह्य से सम्बन्धित स्थलों के पर्यटन विकास हेतु बजट में धनराशि प्रस्तावित की गयी है।

● संविधान निर्माता डॉ.भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र , लखनऊ की स्थापना तथा संचालन हेतु बजट में धनराशि है।

● बाबू जी कल्याण सिंह ग्राम उन्नत योजना के अन्तर्गत प्रदेश के सभी गांवों की सड़कों पर सोलर स्ट्रीट लाइट के लिए भी बजट है। 

● प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 7.37371 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।

● ग्रामों एवं बसावटों को सर्वऋतु सम्पर्क मार्गों से जोड़ने हेतु विभिन्न योजनाओं के लिये 01 हजार 965 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● निषादराज बोट सब्सिडी योजना लागू करने का प्रस्ताव किया गया है।

● यह बजट राज्य के 25 करोड़ प्रदेशवासियों की आकांक्षाओं- आशाओं को पूरा करने वाला है।

● यह बजट गरीबों को मजबूत बनाएगा और देश के युवाओं के लिए बेहतर भविष्य का सृजन करेगा।

● युवा पीढ़ी को सशक्त करने का तात्पर्य है , भारत के भविष्य को सशक्त करना।

● यह प्रदेश के विकास में महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करेगा तथा गरीब किसान, अनुसूचित जाति एवं वंचित वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में सहायक होगा।

● यह बजट 21 वीं शताब्दी के तीसरे दशक में उत्तर प्रदेश के विकास को गति देगा एवं 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के स्वप्न को साकार करने वाला होगा।

● आपने बहुत बंटवारा किया, बहुत विभाजन किया। मान्यवर कांशीराम और अंबेडकर जी के नाम पर स्थापित संस्थाओं के नाम बदल दिए गए। गरीब परिवार के बच्चों की छात्रवृत्ति रोक दी। बहुत षड्यंत्र हुआ।

● हम जब 43 लाख 50 हजार घर बनाते हैं तो जाति मत मजहब नहीं देखते। 2.61 करोड़ शौचालय बनाते हैं तो चेहरे नहीं देखते। इस प्रदेश के सभी गरीब, दलित, किसान सब लाभान्वित होते हैं। जब 05 लाख नौकरी मिलती है तो इसमें एक जाति के लोगों को नहीं भर देते। हमें 25 करोड़ जनता के विकास के लिए बिना भेदभाव के काम करना होगा। 

● नेता प्रतिपक्ष अटल जी की कल बात कर रहे थे...अगर उनकी यह कविता पढ़ ली होती तो बजट भाषण का रूपांतरण नहीं कर रहे होते। 

"आदमी न ऊंचा होता है, न नीचा होता है, न बड़ा होता है, न छोटा होता है। आदमी सिर्फ आदमी होता है।"

● नई सरकार के गठन के साथ इस सदन की कार्यवाही  गरिमा के साथ चल रहा है,मैं सभी सदस्यों को अभिनंदन,व बधाई देता हूँ।

● 08 दिवसीय कार्यवाही देर रात्रि तक बिना किसी बाधा के साथ चलता रहा। सभी पहली बार चुनकर आये सदस्यों का कार्यवाही का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद देता हूँ।

● हमारे वरिष्ठ सदस्यों का धन्यवाद जो लगातार कार्यवाही हिस्सा बने। आज बजट प्रक्रिया को पास करने के लिए धन्यवाद देता हूँ। नेता प्रतिपक्ष को भी धन्यवाद, पहली बार वो इतने लंबे समय तक हिस्सा बने। परम्पराएं इसी तरह बनती हैं।पुस्तकों से व्यवहारिक ज्ञान नही मिलता। 

● सरकार पूरी मजबूती के साथ 25 करोड़ की जनता के हित के लिए कार्य करेगी।

● माननीय सदस्यों की इच्छा के अनुरूप मैं माननीय सदस्यों की निधि को 5 करोड़ करने की घोषणा करता हूँ। 

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