भोपाल। ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मध्य प्रदेश सरकार बैकफुट पर आ चुकी है। रविवार की सुबह हुई कैबिनेट की बैठक में पंचायत चुनाव निरस्त करने पर मुहर लग गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार देर रात दिल्ली पहुंचे हैं।
वहीं प्रदेश के कुछ वरिष्ठ नेताओं को भोपाल बुलाया गया है। उधर। ऐसे में कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट तेज नजर आ रही है। संभावना है कि नए साल के पहले हफ्ते में यह विस्तार भी दिखाई देगा। इसके तहत कई नए चेहरों को मौका मिल सकता है।
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आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में तीन चरणों में पंचायत चुनाव होने थे। चुनाव में रोटेशन प्रणाली को लेकर विवाद हो गया है । सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग को फटकार लगाई थी।
जिसके बाद ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इस बीच शिवराज सरकार ओबीसी आरक्षण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट गई और साथ ही साफ कर दिया है कि ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव नहीं होंगे।
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पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों में विवाद चल रहा है। कांग्रेस भी आरक्षण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार का साथ देगी। जिसके बाद ही पंचायत चुनाव पर कोई फैसला होगा। दूसरी ओर ओमिक्रॉन के बढ़ते केसेज की वजह से गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा चुनाव टालने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही विधानसभा में संकल्प पारित करवा चुके हैं। इसके अंतर्गत बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं होगा। फिलहाल ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है जिसपर 3 जनवरी 2022 में सुनवाई होनी है।