By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 24, 2021
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील इस राज्य में हिमनद एवं जल संसाधन केंद्र बनाए जाने की आवश्यकता बताई। सरकारी प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि नई दिल्ली में प्रधानमंत्री भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें हाल में चमोली जिले की ऋषिगंगा नदी में आई विकराल बाढ़ से हुई जनधन की हानि और इसके बाद संचालित तलाश एवं राहत कार्यों से अवगत कराया।
आपदा में तत्काल सहायता के लिए उनका और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित 13 गांवों में सभी प्रकार की राहत पहुंचाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा तीन गांवों में आवागमन के लिए ट्रॉली भी संचालित कर दी गई है। आपदा के बाद ऋषिगंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बनी झील के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने मोदी को बताया कि वाडिया संस्थान सहित विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा स्थलीय सर्वेक्षण किया गया है तथा उसकी लगातार निगरानी की जा रही है।
रावत ने बताया कि झील से जलनिकासी को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उत्तराखण्ड हिमनद एवं जल संसाधन केंद्र बनाए जाने की आवश्यकता है। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कुंभ मेले के साथ ही बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी विस्तार से जानकारी दी। इससे पहले, मुख्यमंत्री रावत ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रेल मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को बताया कि देहरादून में प्रस्तावित कोस्ट गार्ड भर्ती केंद्र के लिए रक्षा मंत्रालय को कुंआवाला में सशुल्क भूमि प्रस्तावित की गई है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के निकट चौखुटिया में हवाई पट्टी बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। दोनों के मध्य रूद्रप्रयाग जिले में सैनिक स्कूल स्थापित किए जाने पर भी चर्चा हुई। रावत से मुलाकात के दौरान रेल मंत्री गोयल ने प्रदेश में टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन के अंतिम लोकेशन सर्वेक्षण को स्वीकृति दे दी। मुख्यमंत्री के सुझाव पर उन्होंने पुराने ऋषिकेश स्टेशन के वाणिज्यिक उपयोग के लिए रेलवे के अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने को निर्देशित किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में स्विटजरलैण्ड की तर्ज पर रेलवे और रोप-वे बनाने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा अध्ययन कराया जाएगा।