आलोक शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान का कार्यकाल पत्रकारों की बेहतरी के संबंध में लिए गए निर्णयों के लिए याद रखा जाएगा। अपने पिछले कार्यकाल में इस सरकार ने पत्रकारों के लिए रियायती दरों पर स्वास्थ्य बीमा योजना, सहायता योजना आदि लागू की थीं। वहीं, हाल ही में सरकार अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा भी दे चुकी है। लेकिन शुक्रवार को लिए गए निर्णय का लाभ प्रदेश के अधिमान्य, गैर अधिमान्य सभी पत्रकारों को प्राप्त होगा। इसके बाद किसी भी कोरोना संक्रमित पत्रकार या उसके परिजन का उपचार शासन द्वारा कराया जाएगा। आलोक शर्मा ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश के कई पत्रकार बंधु अपना काम करते हुए कोरोना की चपेट में आए हैं। इनमें से कुछ को तो अपने जीवन से भी हाथ धोना पड़ा है। ऐसे में मुख्यमंत्री के इस निर्णय से हर तरह की परिस्थितियों में काम करने वाले मीडियाकर्मियों को सुरक्षा मिलेगी, वहीं लोकतंत्र का चौथा स्तंभ यानी प्रेस और भी सुदृढ़ होगा।