बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन की समस्या के लिए केवल और केवल हमारी मानव जाति जिम्मेदार है और इसका समाधान भी अंतत: मनुष्य ही कर सकते हैं। गोयल ने ‘पर्यावरण पर वैश्विक सम्मेलन-2017’ को आज यहां संबोधित करते हुए कहा, ‘‘समय आ गया है कि मानव जाति यह समझ ले कि जलवायु परिवर्तन केवल उसके द्वारा उत्पन्न समस्या है और वही अंतत: इसका समाधान कर सकती है।’’
बिजली मंत्रालय के एक बयान के अनुसार मंत्री ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में इस प्रकार के सम्मेलन काफी उपयुक्त है क्योंकि इस चर्चा से नये विचार आते हैं और जलवायु परिवर्तन जैसे संवेदनशील विषयों पर ज्यादा ध्यान आकृष्ट होता है। गोयल ने कहा कि हम धरती पर रह रहे हैं और इसके संसाधानों को इस प्रकार उपयोग कर रहे हैं मानो हमारे पास कोई और ग्रह हैं जहां हम बाद में बस सकते हैं। मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से सबसे बड़ा नुकसान गरीबों और वंचित वर्ग को है। उन्होंने कहा कि 1911 में महात्मा गांधी ने ‘प्रकृति की अर्थव्यवस्था’ की बात की थी। यह प्रकृति द्वारा की जाने वाली आपूर्ति और मनुष्यों की मांग के बीच संतुलन बनाये रखने की जरूरत के संदर्भ में गांधीजी की गहरी समझ को दर्शाता है। उन्होंने गांधी के हवाले से कहा, ‘‘पृथ्वी ने प्रत्येक मनुष्य की जरूरत पूरा करने के लिये पर्याप्त मात्रा में चीजें उपलब्ध करा रखी हैं, लेकिन ये उसकी लालच के लिए पर्याप्त नहीं हैं।’' इस मौके पर गोयल ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये सरकार की एलईडी परियोजना, अक्षय ऊर्जा पर विशेष जोर आदि का जिक्र किया।