By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 16, 2021
नयी दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शनिवार को राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत होने पर अस्पताल के एक सफाई कर्मी मनीष कुमार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की उपस्थिति में कोविड-19 का पहला टीका लगाया गया। इसके साथ ही मनीष देश की राजधानी में टीका लगवाने वाले पहले शख्स बन गए। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भी टीका लगाया गया। इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने तालियां बजाकर उनकी सराहना की। इसके बाद नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने भी टीका लगवाया।
फिर अस्पताल के डॉक्टर, नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए। इस अवसर पर वहां मौजूद स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि दोनों टीके- भारत बायोटेक का स्वदेश में निर्मित कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का कोविशील्ड, इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक संजीवनी हैं। टीकाकरण अभियान की शुरुआत के बाद हर्षवर्धन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ये टीके महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारी संजीवनी हैं। हमने पोलियो के खिलाफ लड़ाई जीती है और अब हम कोविड के खिलाफ युद्ध जीतने के निर्णायक चरण में पहुंच गए हैं। मैं इस अवसर पर सभी, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि दोनों टीके पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी हैं।
हर्षवर्धन ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर डटे रहने वाले डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, सुरक्षा कर्मियों और पत्रकारों सहित सभी को धन्यवाद दिया।
टीका लगवाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, पॉल ने लोगों से टीका लगवाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह एक उत्कृष्ट टीका है। मैंने कोवैक्सिन टीका लगवाया है। टीका लगवाएं। सरकार ने जिन दोनों टीकों को अधिकृत किया है वे दोनों सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक हैं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इसे लगवाएं और इस तरह आप अपने परिवार और अपने समुदाय की मदद करेंगे।’’
सरकार के अनुसार, लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारियों और दो करोड़ अग्रिम कर्मियों को पहले टीके लगाए जाएंगे, उसके बाद 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को और फिर 50 साल से कम उम्र के मरीजों को टीके लगाए जाएंगे।
स्वास्थ्य और अग्रिम कर्मियों के टीकाकरण की लागत केंद्र सरकार वहन करेगी।