गंगटोक, नयी दिल्ली। चीन ने भारत के करीब 50 तीर्थयात्रियों को आगे बढ़ने से रोक दिया, जो सिक्किम में नाथू-ला दर्रा होते हुए कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले थे। इसके बाद भारत ने इस मुद्दे को बीजिंग के समक्ष उठाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने शुक्रवार को कहा कि नाथू-ला के रास्ते तीर्थयात्रियों की आवाजाही में कुछ कठिनाइयां पेश आ रहीं हैं। इस बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हां, नाथू ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्रियों के जाने में कुछ कठिनाइयां पेश आ रहीं हैं। इस बारे में चीनी पक्ष से बातचीत चल रही है।'
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में सीपीईसी और भारत की एनएसजी की सदस्यता के प्रयास समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार लगातार बारिश से हुए भूस्खलन के कारण चीन की ओर की सड़कें बह जाने के बाद 47 तीर्थयात्रियों और एक संपर्क अधिकारी को रोक दिया गया। भारतीय तीर्थयात्रियों को बताया गया कि उन्हें मौसम और सड़क की हालत सुधरने पर चीन में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। यात्री शुक्रवार को गंगटोक लौट आये। 47 यात्रियों का पहला जत्था 15 जून को गंगटोक पहुंचा था। नाथू-ला के रास्ते वार्षिक तीर्थयात्रा कराने में सिक्किम पर्यटन विकास निगम नोडल एजेंसी का काम करता है।