लखनऊ। पतंगबाजों की पहली पसंद बनता जा रहा चाइनीज मांझा जानलेवा भी कम नहीं है। यह इतना खतरनाक है कि इसके चलते लोगों के घायल होने के साथ-साथ जान तक चली जाती है। अक्सर सड़क पर गिरने वाला मांझा बाइक से जा रहे लोगों को ज्यादा ही नुकसान पहुंचाता है। इसकी गंभीरता को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पीएमओ, राज्य सरकार समेत संबंधित विभागों से चीनी मांझे के अवैध आयात और प्रदेश में बिक्री को लेकर जवाब तलब किया है।
लखनऊ खण्डपीठ के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने मोती लाल यादव की जनहित याचिका पर गुरुवार को यह फैसला सुनाया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को नियत की है। अदालत ने तीन सितंबर को इस मामले में दिए गए आदेश के पालन के लिए एक और मौका दिया। लखनऊ पीठ की खंडपीठ ने तीन सितंबर को प्रदेश के सभी जिलों के डीएम और पुलिस अधीक्षकों से चीनी मांझे पर की गई कार्रवाई पर हलफनामा पेश करने का आदेश दिया था। साथ ही गृह विभाग और पर्यावरण विभाग उप्र से चीनी मांझे पर की गई कार्रवाई की प्रक्रिया के संबंध में हलफनामा दाखिल करने को कहा था। अदालत ने भारत सरकार से इस संबंध में जानकारी मांगी थी कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में यह मामला लंबित है या नहीं।