By अनुराग गुप्ता | Apr 13, 2020
विदेशी कम्पनियों को न मिले भारतीय कॉरपोरेट का नियंत्रण
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच में रविवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आर्थिक मंदी ने कई भारतीय कॉरपोरेट को कमजोर कर दिया है और उन्होंने सरकार से राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में किसी विदेशी कंपनी द्वारा देश के किसी कॉरपोरेट का नियंत्रण अपने हाथ में नहीं ले पाने को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
इसे भी पढ़ें: HDFC बैंक का प्रदर्शन आम रुझान से हटकर, मार्च तिमाही में जमा 7.41 प्रतिशत बढ़ी
राहुल गांधी ने यह चिंता मीडिया में आई उन खबरों पर प्रकट की है, जिनमें कहा गया था कि विदेशी संस्थानों ने स्टॉक बाजार के गिरने के मद्देनजर भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी है। राहुल ने ट्वीट किया कि भीषण आर्थिक मंदी ने कई भारतीय कॉरपोरेट को कमजोर कर दिया है, उन्हें अधिग्रहण के लिये आसान निशाना बना दिया है। सरकार को राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में विदेशी कंपनियों को किसी भारतीय कंपनी का नियंत्रण अपने हाथों में लेने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।’’
चीन ने खरीदी 0.21 % की हिस्सेदारी
चीन द्वारा खरीदी गई हिस्सेदारी से घबराने की ज्यादा जरूरत नहीं है। क्योंकि 1.01 % की हिस्सेदारी चीन ने नहीं खरीदी है। बल्कि चीन के पास पहले से ही 0.80 % की हिस्सेदारी थी और वुहान शहर से फैले इस वायरस के बाद जरूर चीन ने 0.21 % की हिस्सेदारी खरीदी है। हां, यह सवाल जरूर खड़ा होता है कि जनवरी से लेकर मौजूदा समय के बीच में दुनियाभर में चीन इतना ज्यादा निवेश क्यों कर रहा है ?
बीएसई (BSE) के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की अंतिम यानी मार्च तिमाही में चीन के केंद्रीय बैंक (PBC) की एचडीएफसी में हिस्सेदारी 1.75 करोड़ शेयरों की हो गई है। जबकि मार्च 2019 तक यह 0.8 % थी।
इसे भी पढ़ें: शीर्ष दस में सात कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.82 लाख करोड़ रुपये घटा
जब हम बीएसई (BSE) की ऑफिसियल बेवसाइट को ध्यान से देखते हैं तो सामने आता है कि एचडीएफसी लिमिटेड की हिस्सेदारी चीन के अलावा कई सारी विदेशी कम्पनियों ने ले रखी है। इसमें गवर्नमेंट ऑफ सिंगापुर भी है। जिसने करीब 3.33 प्रतिशत की हिस्सेदारी ली हुई है। लेकिन जब हम चीन की बात करते हैं तो यह सवाल जरूर खड़ा हो जाता है कि क्या चीन इस समय का इंतजार कर रहा था जब दुनियाभर के शेयर डाउन हो जाएंगे ? इस सवाल पर ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि जब एक तरफ देश कोरोना जैसी महामारी से पार पाने में जुटा हुआ है तब चीन लगातार निवेश कर रहा है। इतना ही नहीं तेल के दामों में भी काफी गिरावट हुई है और इसको देखते हुए चीन ने भारी मात्रा में क्रूड ऑयल की खरीदारी कर चुका है।
भारत में निवेश की तलाश कर रहा चीन
कई सारी रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिसमें दावा किया गया है कि चीन के प्रमुख बैंक भारत में निवेश की संभावनाएं तलाश रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चीन की कई सारी कम्पनियों ने भारतीय कम्पनियों में निवेश किया हुआ है।