By रेनू तिवारी | Oct 19, 2022
जहां चीन अपने देश में आतंकवात पर लगाम लगाने की दुहाई देकर उइगर मुस्लिम पर मानवता को शर्मसार करने वाले अत्याचार कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के आतंकवादियों का संरक्षक बना हुआ हैं। पूरी दुनिया जिसे वैश्विक आतंकवादी घोषित कर चुकी है उसे चीन अपने हित के लिए खुली छूट देने पर अमादा हैं। चीन ने एक बार फिर पाकिस्तान प्रेम में आकर भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ में वोटिंग की हैं।
चीन ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल कराने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में बाधित कर दिया। चीन ने विश्व निकाय में किसी आतंकवादी को प्रतिबंधित सूची में डालने के प्रयास को चार महीनों के अंदर चौथी बार बाधित किया है। ऐसा बताया जा रहा है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति’ के तहत महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को बाधित कर दिया है। हालिया महीनों में यह चौथी बार है जब चीन ने ‘1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति’ के तहत पाकिस्तान स्थित किसी आतंकवादी को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को बाधित किया है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने दिसंबर 2016 में महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था।
आपको बता दें कि हाल ही में जब चीन के खिलाफ UNHRC में उइगर मुस्लिम को लेकर प्रस्ताव आया था तब भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। वह अपसेंट रहा था क्योंकि भारत को लगता है कि उइगर मुस्लिमों का मुद्दा चीन का आंतरिक मामला हैं और उसने UNHRC में लाये गये प्रस्ताव में हिस्सा न लेकर एक सरह से चीन का समर्थन ही किया था लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया। उसने पाकिस्तान का एक बार फिर से डंके की चोट पर समर्थन किया।