By अनन्या मिश्रा | Jan 25, 2024
बच्चे के जन्म के साथ ही पेरेंट्स की जिम्मेदारियां भी काफी हद तक बढ़ जाती है। वहीं नए पेरेंट्स के लिए बच्चे को संभालना काफी मुश्किल होता है। तो वहीं बेबी केयर करना पेरेंट्स के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होता है। नवजात बच्चे के साथ कई ऐसी समस्याएं होती हैं, जिनके बारे में माता-पिता को नहीं पता होता है। जैसे कि बच्चे द्वारा अपने हाथों से बाल को खींचना, अपने हाथों में दांत से काटना और तेज-तेज रोना आदि। इन्ही में से एक समस्या ब्रीद होल्डिंग स्पेल की है। इस समस्या में बच्चा खुद अपनी सांस रोक लेता है। जिसके कारण बच्चे की जान को खतरा हो सकता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई बार बच्चा रोते-रोते अपनी सांस रोक लेता है। जिसके कारण बच्चे का शरीर नीला पड़ने लगता है और वह एकदम सुस्त हो जाता है। इस स्थिति को ब्रीद होल्डिंग सिंड्रोम या स्पेल कहा जाता है। आमतौर पर 2 महीने से 2 साल तक के बच्चों में यह समस्या देखने को मिल सकती है। ऐसी स्थिति बनने पर बच्चे को फौरन करवट दिलानी चाहिए या फिर कंधे पर लेकर थपथपाना चाहिए। पेरेंट्स द्वारा ऐसा करने पर बच्चा फिर से सांस लेना शुरूकर देगा और उसके शरीर का नीलापन भी खत्म हो जाएगा।
सांस रोकने पर ऐसे संभाले बच्चा
ब्रीद होल्डिंग स्पेल की गंभीर स्थिति से बचने के लिए बच्चे को पहले से सुरक्षित स्थिति में रखें।
अगर ऐसी स्थिति बच्चे के साथ पहले भी बन चुकी है, तो बच्चे की सांस पर नजर रखें। अगर लंबे समय तक सांस लेने की प्रक्रिया असामान्य रूप से बनी रहती है, या सांस फिर से शुरू नहीं होती है। तो ऐसी स्थिति में फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।
सांस रोकने की समस्या को कंट्रोल करने के लिए और बच्चे की स्वास्थ्य की निगरानी करने के लिए नियमित तौर पर बच्चे की बाल रोग विशेषज्ञ से जांच करवाते रहें।
अगर बच्चे को रोने के दौरान चक्कर आदि आते हैं, तो उनको अच्छे से पकड़कर किसी नरम सतह पर बिठाएं या फिर गिरने से रोकने का प्रयास करें।
सांस रोकने की समस्या को कम करने के लिए इसके कारणों को कंट्रोल करने की कोशिश करें। जैसे जब बच्चा अचानक से डर जाता है, या हताश हो जाता है। तो इस समस्या को पहचान कर ऐसी स्थिति से बचने का प्रयास करें।
जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है। उनको तनाव और भावनाओं पर कंट्रोल रखने के लिए गहरी सांस वाले व्यायाम करना सिखाएं।
अगर आपका बच्चा रोते हुए या हंसते हुए अचानक से सांस रोक लेता है। तो इस स्थिति में पेरेंट्स को संयम से काम लेना चाहिए। वहीं स्थिति के अधिक गंभीर होने पहले हेल्थ एक्सपर्ट्स से संपर्क करें।
वहीं अगर आप नौकरी करते हैं और बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी किसी और पर है। तो इस दौरान ध्यान रखें कि जो बच्चे का ख्याल रखता है, वह पहले से इस समस्या से अवगत हो। उसको इस समस्या से निपटने और बच्चे को संभालने के बारे में अच्छी जानकारी हो।