By विजयेन्दर शर्मा | Dec 24, 2021
शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जनता का विश्वास खो चुके हैं। चारों उपचुनावों में मिली हार के बाद अब जयराम सरकार सकपका गई है और कांग्रेस को कोस कर अपना मन शांत कर रही है।यह पलटवार हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने आज मुख्यमंत्री पर किया।
शर्मा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को लेकर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कांग्रेस अध्यक्ष की चिंता सता रही है।कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर के नेतृत्व में भाजपा को न केवल चारों उपचुनावों में धूल चटाई है बल्कि कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार की जमानत तक जब्त करवा दी।कांग्रेस एकजुटता के साथ जनविरोधी जयराम सरकार को आगामी विधानसभा चुनावों में भी सत्ता से बाहर करने के लिए आगे बढ़ चुकी है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री की टिप्पणी हताशा के सिवा कुछ नहीं है।उन्होंने कहा कि करोना संकटकाल में जयराम सरकार ने भ्र्ष्टाचार के नए कीर्तिमान स्थापित किए।देश में हिमाचल के सर नीच किया।भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष को त्यागपत्र देना पड़ा।स्वास्थ्य निर्देशक को जेल की हवा खानी पड़ी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कांग्रेस पर झूठे आरोप लगा कर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं लेकिन जो भ्र्ष्टाचार सरकार ने करोनाकाल में किया उसको उजाहर करने से क्यों गुरेज़ कर रहे हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश भाजपा सरकार भ्र्ष्टाचार को संरक्षण दे रही है।विभिन्न मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
कई मामलों में अभियोजन की मंजूरी नहीं दी जा रही है।मुख्यमंत्री जनता के बीच इस बारे में स्थिति स्पष्ट करें।दीपक शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मात्र कुर्सी बचाने के लिए कड़ी मेहनत की है और अपने प्रयत्नों में सफल रहे हैं।यही मुख्यमंत्री की अबतक की विशेष उपलब्धि है।दीपक शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार के चार सालनके कार्यकाल पर जश्न मनाना फ़िज़ूलख़र्ची के सिवा कुछ नहीं है।प्रधानमंत्री आ कर प्रदेश के लोगों को अपनी जुमलेवाज़ी के साथ एक बार फिर ठगने की कोशिश करेंगे।
आगामी विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत झूठे वादे किए जाएंगे।लेकिन प्रदेश की जनता भाजपा की इस जुमलेवाज़ी को समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि चार साला जश्न के बजाए भाजपा सरकार को जनविरोधी फैसलों,विकास का एक पत्थर तक न लगवा पाने और हिमाचल को 65 हज़ार करोड़ के कर्ज में डुबोने के लिए प्रदेश की जनता से मुआफी मांगनी