By विजयेन्दर शर्मा | Jan 27, 2022
शिमला । मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने टोक्यो ओलंपिक-1964 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के पूर्व कप्तान पदमश्री चरणजीत सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। चरणजीत सिंह ऊना जिला के अम्ब उप-मंडल के अन्तर्गत मैड़ी के निवासी थे। उन्होंने अपने पैतृक स्थान में आज अन्तिम सांस ली। वह 92 वर्ष के थे।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि चरणजीत सिंह एक शानदार खिलाड़ी थे। उन्हें खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पदमश्री और अर्जुन अवार्ड से अलंकृत किया गया था। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
वह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में शारीरिक शिक्षा विभाग के निदेशक पद पर भी रहे हैं। 1964 में उन्होंने देश के लिए स्वर्ण पदक जीता था। रिटायरमेंट के बाद लगातार हर रोज इंदिरा गांधी स्टेडियम में खिलाडिय़ों व कोच के साथ समय बिताना रूटीन बन गई, जबकि किसी भी खेलों से जुड़ा कोई कार्यक्रम तब तक पूरा नहीं माना जाता, जब तक पद्मश्री चरणजीत सिंह की शिरकत उसमे न हो। जिला ऊना के मैड़ी (तत्कालीन पंजाब) गांव के मूल निवासी पद्मश्री चरणजीत सिंह का जन्म 22 अक्टूबर, 1928 को हुआ था।
पद्मश्री चरणजीत सिंह जी के तीन बच्चे हैं, जिसमें दो बेटे और एक बेटी है। तीनों बच्चे डाक्टर हैं। इनमें से एक बेटा कैनेडा में बतौर कार्यरत है जबकि दूसरा हिमाचल में ही बतौर डाक्टर रिटायर हुए हैं। बेटी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और उनके पति एम्स दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया हैं। परिवार के दोनों बच्चे तो अंतिम संस्कार के समय पहुंचे गए हैं जबकि कैनेडा वाला बेटा बाद में आएगा।