वही गौर करने वाली बात यह है कि पांढुर्णा में कोविड संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है, बावजूद इसके दो दिनों में यहां पर वैक्सीन नहीं होने से वैक्सीनेशन का कार्य बंद पड़ा हु़आ है, जिसमें प्रशासनिक लापरवाही सामने आने लगी है। जिला प्रशासन ने कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए 35 टीकाकरण केंद्र बनाकर टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई तो थी, लेकिन जिले में वैक्सीन का टोंटा होने की वजह से पांढुर्णा के टीकाकरण केंद्र में टीकाकरण नहीं हो पाया। जबकि वैक्सीन उपलब्ध न होने के चलते नहीं टीकाकरण के लिए आए बुजुर्ग और बीमार लोगो भटकते नज़र आए। वही जिले में भले ही प्रशासन के निर्देश पर संक्रमण रोकने प्रतिदिन 700 कोविड टेस्ट हो रहे हो, लेकिन संक्रमण के प्रसार के लिए जिले में अब तक 745 अप्राप्त सैंपल और 12,450 पैथालॉजी से रिजेक्ट सैंपल जिले के लिए मुसीबत बढ़ाने वाले साबित हो सकते है।