By अनन्या मिश्रा | Jul 07, 2023
भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ को सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। इन्हें महाकाल भी कहा जाता है। क्योंकि भगवान शिव की कृपा से बड़ा से बड़ा संकट या काल भी किसी व्यक्ति का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। शास्त्रों में भगवान भोलेनाथ के कई ऐसे चमत्कारिक मंत्रों का उल्लेख मिलता है। इन्हीं मंत्रों में एक मंत्र महामृत्युंजय मंत्र भी है। इस मंत्र का जाप कर व्यक्ति रोगमुक्त, भयमुक्त और अकाल मृत्यु से खुद को दूर रख सकता है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव काफी प्रसन्न होते हैं।
बता दें कि इस मंत्र का वर्णन यजुर्वेद में भी मिलता है। संस्कृत में महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख मृत्यु को जीतने वाला हो। भगवान भोलेनाथ की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। शिवपुराण के मुताबिक महामृत्युंजय मंत्र के जाप से संसार के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी अर्थ और इसके महत्व और जाप विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी अर्थ
इस मंत्र का हिंदी में अर्थ इस प्रकार से है- कि इस जगत के पालनहार, तीन नेत्रों वाले भगवान शंकर की हम स्तुति करते हैं। पूरे संसार में सुगंध फैलाने वाले भगवान शिव हमें मृत्यु के बंधन से मुक्ति प्रदान करें। जिससे कि हम मोक्ष की प्राप्ति कर सकें।
कब और कैसे करें इस मंत्र का जाप
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सवा लाख बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति इस मंत्र का सवा लाख बार जाप नहीं कर सकता है तो वह 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकता है। सावन के महीने में इस मंत्र का जाप करना बेहद कल्याणकारी माना जाता है। अगर आप सावन के इतर इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो इसकी शुरूआत सोमवार से करें। इस मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र के फायदे
महामृत्युंजय मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है।
इस मंत्र के जाप से भगवान शिव-शंकर प्रसन्न होते हैं और जातक को कष्टों से मुक्ति मिलती है।
इस मंत्र के जाप से रोगों का नाश होता है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को धन-धान्य की कमी नहीं होती है।