By अनन्या मिश्रा | Apr 20, 2025
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू आज यानी की 20 अप्रैल को अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। तेलुगु राज्यों के राजनीतिक इतिहास में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड एन चंद्रबाबू नायडू के नाम है। वह तेलुगु देशम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। नायडू ने चित्तूर जिले के तिरुपति के पास चंद्रगिरि में एक युवा कांग्रेस के छात्र नेता के रूप में राजनीति में कदम रखा था। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के नारावारिपल्ली गांव में 20 अप्रैल 1950 को चंद्रबाबू नायडू का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम नारा खर्जुरा नायडू है और मां का नाम अमनम्मा है। उनकी शुरूआती शिक्षा तिरुपति से पूरी हुई और फिर चंद्रगिरी गवर्नमेंट स्कूल से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर आर्ट्स कॉलेज ग्रेजुएशन और श्री वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
राजनीतिक सफर
चंद्रबाबू नायडू ने एक युवा कांग्रेस नेता के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी। फिर साल 1978 में चंद्रगिरि से वह पहली बार विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे। साल 1980 में उन्होंने जाने-माने अभिनेता और TDP के संस्थापक एन टी रामाराव की बेटी नारा भुवनेश्वरी से विवाह किया। शादी के बाद भी चंद्रबाबू नायडू कांग्रेस में थे। फिर वह 1983 के विधानसभा चुनाव में उनको टीडीपी प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर टीडीपी ज्वॉइन कर ली।
ससुर के खिलाफ तख्तापलट कर बने थे सीएम
फिर साल 1995 में चंद्रबाबू ने तत्कालीन आंध्र प्रदेश के सीएम और अपने ससुन एनटी रामाराव के खिलाफ बगावत कर दी। वह विधानसभा में बहुमत हासिल कर खुद राज्य के मुख्यमंत्री बन गए और साल 2004 तक सीएम के तौर पर काम किया। लेकिन बाद में वह कई कारणों से राज्य में अपनी सत्ता को नहीं बचा पाए। फिर साल 2014 एक बार फिर उन्होंने राज्य के सीएम के रूप में कार्यभार संभाला और 2019 में एक बार फिर उनको जगन रेड्डी से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन साल 2024 में एक बार फिर वह राज्य के सीएम बने।
हैदराबाद के वास्तुकार
चंद्रबाबू नायडू को आधुनिक हैदराबाद का मुख्य वास्तुकार भी माना जाता है। उन्होंने हैदराबाद को हाई-टेक शहर के रूप में विकसित किया और एक प्रमुख केंद्र में बदलने में अहम भूमिका निभाई।