By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 18, 2020
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए मंत्रियों और सांसदों के वेतन में कटौती के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्यसभा में सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उसने बिना किसी तैयारी के लॉकडाउन लागू किया था। कांग्रेस सदस्य राजीव सातव ने कहा कि उनकी पार्टी इस प्रस्ताव का समर्थन करती है लेकिन सरकार को विकास कार्य के लिए महत्वपूर्ण अहम ‘‘एमपीलैड’’ को बंद नहीं करना चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि उसे पीएम केयर्स फंड का हिसाब लोगों को देना चाहिए। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने विगत में बिना किसी तैयारी के नोटबंदी और जीएसटी लागू किया था और अब इस बार उसने बिना किसी उचित विचार विमर्श और तैयारी के लॉकडाउन लागू कर दिया।
सातव ने कहा कि सरकार ने कहा था कि 21 दिनों में कोरोना वायरस पर काबू पा लिया जाएगा। लेकिन बीमारी तो दूर नहीं हुयी, रोजगार के मौके जरूर समाप्त हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस शुरूआती दौर में सरकार को कोरोना वायरस से मुकाबले की ओर ध्यान देना चाहिए था, उस समय वह मध्य प्रदेश में सरकार गिरा रही थी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगवानी में लगी थी। सातव ने सेंट्रल विस्टा के निर्माण के समय को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि इस समय उस परियोजना पर 20 हजार करोड़ रूपये खर्च करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संसद भवन सिर्फ 100 साल पुराना है जबकि यूरोप के कई देशों की संसद की इमारतें काफी पुरानी हैं और वहां अब भी संसद की कार्यवाही होती है। उन्होंने कहा कि यह समय कोराना से लड़ने का है और उस पर ही ध्यान दिया जाना चाहिए। वह मंत्रियों के वेतन और भत्तों से संबंधित (संशोधन) विधेयक, 2020 और संसद सदस्य वेतन, भत्ता एवं पेशन (संशोधन) विधेयक 2020 पर सदन में एक साथ हुयी चर्चा में भाग ले रहे थे।