By अभिनय आकाश | Sep 28, 2021
हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे, इक खेत नहीं, इक देश नहीं, हम सारी दुनिया मांगेंगे। ये लाइने आपने पढ़ी या सुनी होंगी। नहीं सुनी तो हम बता देते हैं ये मशहूर नज्म फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ द्वारा लिखी गई है। दुनिया चाहे ईश्वर ने बनाई हो, पर इसको बदला और गढ़ा मजदूरों ने है। ऐसे काम जिसे हम और आप सिर्फ सपने में ही सोच सकते हैं, वो इनके दो हाथ बड़े आसानी से अंजाम तक पहुंचा देते हैं। आगरा का ताजमहल जिसे कई लोग प्यार का प्रतीक भी मानते हैं। लेकिन जितनी चर्चा उसकी खूबसूरती की होती है उतनी ही इसके बनने की कहानियों की भी चर्चा होती है। ताजमहल को बनाने को लेकर कई तरह के मिथ हैं। कहा जाता है कि मुमताज की याद में बनायी गई इस खूबसूरत इमारत जैसी कोई और इमारत ना बने इसलिए शाहजहां ने कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे। ताजमहल को बनाने में करीब 20 हजार मजदूरों ने योगदान दिया था। और इसका काम करीब 22 साल तक चला। लेकिन इसे बनाने में योदगान देने वाले या फिर अन्य ऐतिहासिक धरोहरों के निर्माण में भूमिका अदा करने वाले श्रमिकों के योगदान को कभी याद भी नहीं किया जाता क्य़ोंकि उनके बारे में किसी को कोई जानकारी भी नहीं है। लेकिन इतिहास में पहली बार श्रमिकों के योगदान को याद में रखने के लिए एक डिजीटल अर्काइव बनाया जाएगा।
आप सभी ने कुछ तस्वीरें खूब देखी होगी जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन के निर्माण स्थल का दौरा करते दिखे। अमेरिका से तीन दिन के दौरे के बाद भारत वापस लौटते ही पीएम मोदी अचानक ही रविवार को नए संसद भवन के निर्माण कार्य स्थल पर पहुंच गए। पीएम ने वहां चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया। नए संसद भवन का निर्माण अगले वर्ष के दूसरे पूर्वार्ध तक पूरा होने की उम्मीद है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मोदी ने निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और इसमें लगे लोगों से बातचीत की।
साइट पर काम में लगे लोगों की नियमित स्वास्थ्य जांच
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने अधिकारियों को नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करने और साइट पर कार्यरत श्रमिकों का टीकाकरण करने का भी निर्देश दिया। प्रोजेक्ट साइट पर पीएम मोदी ने काम का निरीक्षण करते हुए वहां मौजूद मजदूरों से भी बात की। पीएम मोदी ने उनका हालचाल जाना और उनसे कहा कि वह एक पवित्र और ऐतिहासिक कार्य में लगे हुए हैं।
डिजिटल संग्रहालय बनाने के साथ ही दिया जाएगा प्रमाण पत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए संसद भवन के निर्माण के लिए काम कर रहे श्रमिकों के योगदान को पहचानने के लिए एक डिजिटल आर्काइव बनाया जाएगा। इसमें सभी श्रमिकों के नाम और उनकी तस्वीर होगी ताकि यह हमेशा याद रहे कि इस संसद के निर्माण में इनका योगदान था। पीएमओ की तरफ से कहा गया कि संसद के निर्माण के बाद सभी श्रमिकों को उनकी भागीदारी के लिए एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।