By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 25, 2024
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने कर्नाटक सरकार को वो धन जारी नहीं किया जो उसे मिलना चाहिए था। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि राज्य के लोगों को इसकी कीमत सिर्फ इसलिए चुकानी पड़ रही है क्योंकि उन्होंने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करके कांग्रेस की सरकार को चुना है। रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार भारत के राज्यों की वित्तीय व्यवस्था का ‘‘गला घोंटने’’ की कोशिश कर रहे हैं। उनकी टिप्पणी कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाने के बाद आई है।
सिद्धरमैया ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लिखित बातों से लगातार मुकर रही हैं। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘2020-21 के लिए 15वें एफसी (वित्त आयोग) की अंतरिम रिपोर्ट में तीन राज्यों, कर्नाटक (5495 करोड़ रुपये), तेलंगाना (723 करोड़ रुपये) और मिजोरम (546 करोड़ रुपये) के लिए 6764 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन अनुदानों की सिफारिश इन राज्यों के प्रति किसी विशेष प्रेम के कारण नहीं की गई थी। इनकी सिफारिश यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि किसी भी राज्य को पिछले वर्ष की तुलना में वास्तविक रूप से हस्तांतरण में कम हिस्सा न मिले।’’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री का कहना था, ‘‘15वें वित्त आयोग ने अंतरिम रिपोर्ट में कर्नाटक के लिए 6,000 करोड़ रुपये, जल निकायों के पुनरुद्धार के लिए 3,000 करोड़ रुपये और बेंगलुरु के लिए पेरिफेरल रिंग रोड के लिए 3,000 करोड़ रुपये की सिफारिश की है।’’ सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्रालय ने इन दोनों सिफारिशों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और इस प्रकार कर्नाटक को उचित हिस्सेदारी से उपेक्षित किया गया।
सिद्धरमैया के पोस्ट को टैग करते हुए, रमेश ने कहा कि मोदी सरकार और उनके ‘‘रिमोट द्वारा नियंत्रित मंत्री’’ संघवाद की भावना का उल्लंघन करने, संवैधानिक निकायों की सिफारिशों को दरकिनार करने और अपने राजनीतिक प्रतिशोध को उजागर करने के लिए हर सीमा पार कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस बार, इसकी कीमत कर्नाटक के लोगों को चुकानी पड़ रही। यह सिर्फ इसलिए हो रहा है कि जनता ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस की सरकार चुनी।