By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 25, 2022
रायरंगपुर/भुवनेश्वर| ‘ओडिशा की बेटी’’ द्रौपदी मुर्मू के सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने का जश्न मनाते हुए यहां लोगों ने विशेष पूजा-अर्चना की, मिठाइयां तथा चावल से बनी देसी बीयर बांटी और आदिवासी संगीत की धुनों पर थिरकें।
मयूरभंज जिले में राष्ट्रपति मुर्मू के गृह नगर रायरंगपुर की गलियां कुछ समय के लिए वीरान हो गयीं क्योंकि लोग उनका शपथ ग्रहण देखने के लिए टेलीविजन पर नजरें गड़ाए रहे। शपथ ग्रहण समारोह के लिए शहर में बड़ी-बड़ी स्क्रीन्स लगायी गयी थीं।
उनके पैतृक उपरबेड़ा गांव में बच्चों से लेकर स्थानीय संथाली बुजुर्गों तक ने ‘घुसा’ और ‘मर्दाल’ की धुनों पर सड़कों पर नृत्य किया और ‘जाहेर’ (पूजा स्थल) में भगवान मारांगबुरु और देवी एरा की विशेष पूजा अर्चना की। गांव में ‘गवर्नमेंट अपर प्राइमरी स्कूल’ के हेडमास्टर मनोरंजन मुर्मू ने कहा कि इस अवसर पर मिठाइयां बांटी गयी और बच्चों ने पौधे लगाए।
राष्ट्रपति ने सातवीं कक्षा तक इसी स्कूल से पढ़ाई की थी। राष्ट्रपति मुर्मू के ससुराल पहाड़पुर के निवासियों ने ड्रम की धुनों पर थिरकते हुए गांव में जश्न मनाया जबकि मुर्मू के मामा के गांव जमादा में धार्मिक सभा का आयोजन किया गया। उनके मामा दसमथ मरांडी ने कहा, ‘‘हमने अपने रीति-रिवाज के अनुसार अपने देवता तथा पूर्वजों को चावल से बनी देसी बीयर ‘हंडिया’ परोसते हुए इस अवसर का जश्न मनाया।’’
रायरंगपुर शहर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए जश्न मनाया गया। शपथ ग्रहण समारोह को देखने के लिए बड़ी एलईडी स्क्रीन्स लगायी गयीं। ‘श्री अरबिंदो इंटीग्रल स्कूल’ के बच्चों ने नृत्य करके अपनी पूर्व शिक्षिका के देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने का जश्न मनाया। इस अवसर पर जिला मुख्यालय बारिपदा में भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां संथाल समुदाय की ‘झाल’ साड़ी पहनकर महिलाओं ने आदिवासी संगीत की धुनों पर नृत्य किया। इस मौके पर नजदीकी मंदिर में पटाखे भी फोड़े गए।
इस अवसर पर शहर के कुबेरपुरी बयाबसाई संघ ने एगिना इलाके के लक्ष्मीनारायण मंदिर में 100 किलोग्राम का एक लड्डू बनवाया, जिसे गरीबों में बांटा गया।