बंगाल में CBI VS POLICE, ममता ने दिया धरना, कहा- मोदी कर रहे तख्ता पलट का प्रयास

By नीरज कुमार दुबे | Feb 04, 2019

कोलकाता। एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में चिटफंड घोटालों के सिलसिले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ के लिए पहुंची केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों की एक टीम को रविवार को पुलिस की जीपों में बिठा कर एक पुलिस थाने ले जाया गया और फिर उन्हें वहां हिरासत में ले लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बीच बढ़ते तनाव के बीच मध्य कोलकाता के लाउडन स्ट्रीट में राज्य पुलिस और सीबीआई के बीच टकराव के हालात देखने को मिले। शुरू में सीबीआई के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किए जाने की विरोधाभासी खबरें भी आईं, लेकिन कोलकाता पुलिस ने बाद में साफ किया कि उन्होंने सीबीआई के किसी अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि पूछताछ के बाद सीबीआई के अधिकारियों को पुलिस थाने से जाने दिया गया। त्रिपाठी ने कहा, ‘‘उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वे किसी गोपनीय अभियान के लिए आए थे। हमें नहीं पता कि वे किस तरह के अभियान के लिए आए थे।’’ तेजी से बदलते घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सीबीआई के संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हम वहां उनकी (कुमार की) जांच के लिए गए थे। और यदि उन्होंने सहयोग नहीं किया होता तो हम उन्हें हिरासत में ले लेते।’’ पुलिसकर्मियों द्वारा सीबीआई के दफ्तरों और कुमार के आवास की घेराबंदी करने के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘मुझे भी हिरासत में लिया गया है और मेरे घर के बाहर पुलिस अधिकारी खड़े हैं।’’ 

सड़क पर हो रही इस सियासत के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कुमार के आवास पर पहुंचीं। वह पहले ही कुमार के प्रति अपना समर्थन व्यक्त कर चुकी थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘पुलिस एवं अन्य सभी संस्थाओं पर नियंत्रण हासिल करने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रही है।’’ राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा संवैधानिक तख्तापलट की तैयारी कर रही है? सीबीआई के 40 अधिकारी कोलकाता के पुलिस आयुक्त के आवास को घेर लेते हैं। संस्थाओं की बर्बादी धड़ल्ले से जारी है। सोमवार को संसद में हमारी मांग- मोदी को जाना होगा। हम लोकतंत्र बचाना चाह रही सारी विपक्षी पार्टियों से इस मुद्दे पर संपर्क कर रहे हैं और घटना के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं।’’

 

पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीरेंद्र और एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) अनुज शर्मा भी कुमार के आवास पर पहुंचे। जैसे को तैसा वाली कार्रवाई करते हुए कोलकाता के पुलिस अधिकारियों की एक टीम सीजीओ कॉम्प्लेक्स (सीबीआई का राज्य मुख्यालय) पहुंच गई। यह सारा घटनाक्रम बहुत तेजी से उस वक्त शुरू हुआ जब सीबीआई के 40 अधिकारियों की एक टीम आज शाम कुमार के आवास पर पहुंची, लेकिन वहां तैनात संतरियों एवं कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। सीबीआई ने शनिवार को दावा किया था कि कुमार ‘‘फरार’’ चल रहे हैं और शारदा एवं रोज वैली चिटफंड घोटालों के सिलसिले में उनकी ‘‘तलाश’’ की जा रही है।

 

कुछ ही देर बाद कोलकाता पुलिस के अधिकारियों की एक टीम सीबीआई अधिकारियों से बातचीत के लिए मौके पर पहुंची और यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या उनके पास कुमार से पूछताछ करने के लिए जरूरी दस्तावेज थे। पुलिस आयुक्त के आवास के बाहर खड़े सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘हम इस मुद्दे पर अभी कोई बात नहीं करना चाहते। देखते हैं कि क्या होता है। थोड़ा इंतजार करें।’’ बाद में सीबीआई अधिकारियों की एक छोटी सी टीम को चर्चा के लिए शेक्सपियर सरनी पुलिस थाने ले जाया गया। इसके बाद कुछ और लोग मौके पर पहुंचे और हंगामा पैदा हो गया। फिर कुछ सीबीआई अधिकारियों को जबरन पुलिस की जीपों में बिठाकर एक पुलिस थाने ले जाया गया।

 

सीबीआई के मुताबिक, चिटफंड घोटालों की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गठित एसआईटी की अगुवाई कर चुके आईपीएस अधिकारी कुमार से गायब दस्तावेजों और फाइलों के बाबत पूछताछ करनी है, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए जारी नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया है। सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार ने चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए पिछले दिनों कोलकाता आए चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था। रविवार को कोलकाता पुलिस ने एक बयान जारी कर उन खबरों को सिरे से खारिज किया था कि कुमार ड्यूटी से गायब हैं। पुलिस ने अपने बयान में कहा था, ‘‘कृपया गौर करें कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त न केवल शहर में उपलब्ध हैं बल्कि नियमित आधार पर दफ्तर भी आ रहे हैं। सिर्फ 31 जनवरी 2019 को वह दफ्तर नहीं आए, क्योंकि उस दिन उन्होंने अवकाश लिया था। सभी संबंधित पक्ष कृपया गौर करें कि यदि उचित जांच के बगैर कोई खबर फैलाई जाती है तो कोलकाता पुलिस, कोलकाता के पुलिस आयुक्त एवं कोलकाता पुलिस दोनों की मानहानि के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी।’’

 

उधर, केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे राज्य में तख्ता पलट का प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले सीबीआई की एक टीम ने चिट फंड घोटाला मामलों में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ का नाकाम प्रयास किया। ममता की यह टिप्पणी उसके बाद आयी है। ममता ने आरोप लगाया कि सीबीआई कार्रवाई "राजनीतिक रूप से प्रतिशोध वाली" और संवैधानिक मानदंडों पर हमला है। बाद में वह एस्प्लेनेड में धरने पर बैठ गयीं।

 

कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार, पश्चिम बंगाल के डीजी वीरेंद्र और एडीजी (कानून व्यवस्था) अनुज शर्मा भी धरना स्थल पर मौजूद थे। एक तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा, "हम ममता बनर्जी के नेतृत्व में संविधान की रक्षा के लिए यहां आए हैं।" इससे पहले कुमार के आवास के बाहर ममता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के आदेश पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सीबीआई को राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने का निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसे प्रधानमंत्री से बात करने में शर्म महसूस होती है जिनके हाथों में खून लगा है।" ममता ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी और अमित शाह राज्य में तख्तापलट का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि हमने 19 जनवरी को विपक्ष की रैली आयोजित की थी। हम जानते थे कि रैली आयोजित करने के बाद सीबीआई हम पर हमला बोलेगी।’’ वह ब्रिगेड रैली का जिक्र कर रही थीं जिसमें करीब 20 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे।

 

उन्होंने कहा कि सीबीआई की कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध वाली है। उन्होंने पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के आवास के बाहर जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''हमारी सरकार ने सत्ता में आने के बाद चिट फंड मालिकों को गिरफ्तार किया। हमने ही मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया।’’ ममता ने कहा कि वे साबित करें कि कुमार चिट फंड घोटाले में शामिल हैं। उन्होंने कहा, "कानून व्यवस्था राज्य का विषय है। हमें आपको (सीबीआई को) सब कुछ क्यों देना चाहिए? उन्हें पुलिस आयुक्त के आवास पर बिना किसी वारंट के आने के लिए इतना दुस्साहस कहां से मिल रहा है?"

 

 

दूसरी ओर भाजपा ने रविवार को पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी नीत सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह शासन प्रणाली और लोकतंत्र का मखौल उड़ा रही है। कोलकाता पुलिस के अपने प्रमुख से पूछताछ करने से सीबीआई को रोके जाने के बाद भाजपा की यह प्रतिक्रिया आई है। पार्टी ने कहा कि राज्य सरकार की कार्रवाई संवैधानिक व्यवस्था पर सीधा हमला है और यह मुख्यमंत्री के तानाशाह रवैये को प्रदर्शित करता है। भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, ‘‘कोलकाता का घटनाक्रम और सीबीआई जांच का प्रतिरोध हैरतअंगेज एवं अभूतपूर्व है तथा यह ममता के तानाशाह रवैये को प्रदर्शित करता है। उन्होंने उस संविधान का उल्लंघन किया है जिसकी उन्होंने शपथ ली थी।’’ 

 

राव ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर चिट फंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई का जिक्र करते हुए कहा कि नगर पुलिस की कार्रवाई शीर्ष न्यायालय की अवज्ञा है। भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता नलिन कोहली ने राज्य में इस स्थिति को अभूतपूर्व बताया और कहा कि यह कानून व्यवस्था के पूरी तरह से ध्वस्त होने का संकेत है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि ममता बनर्जी के तहत राज्य सरकार संवैधानिक उपयुक्तता (प्रोपराइटी) की दृष्टि खो चुकी है। लोग देख सकते हैं कि शासन प्रणाली, लोकतंत्र और संवैधानिक प्रोपराइटी का क्या माखौल उड़ाया जा रहा है। राव ने कहा कि राज्य सरकार लंबे समय से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कार्य में संलिप्त है और कोलकाता पुलिस की रविवार की कार्रवाई ने सारी हदें पार कर दी। 

 

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