By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 21, 2021
नयी दिल्ली| सीबीआई ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हुई हिंसा के मामले में हत्या से संबंधित दो और प्राथमिकी जबकि एक महिला का शील भंग करने के आरोप में एक अन्य प्राथमिकी दर्ज की है।
इसके साथ ही केंद्रीय एजेंसी द्वारा हिंसा को लेकर दर्ज मामलों की संख्या 43 हो गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि पहली प्राथमिकी 16 मई को कोलकाता के गोल्फ ग्रीन इलाके में परिवार पर हमले और सदस्यों की लाठी, लोहे की छड़ और ब्लेड आदि से बर्बर तरीके से पीटने की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि बाद में पीड़ितों का इलाज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि बाद में एक पीड़ित ने अदालत का रुख किया और भारतीय दंड संहिता की धारा-354 (महिला का शील भंग करना) और धारा-506 के तहत मामला दर्ज करने का अनुरोध किया जिसकी मंजूरी अदालत ने दी।
उन्होंने बताया कि अदालत के निर्देश के बाद पुलिस ने इन दो धाराओं को प्राथमिकी में जोड़ा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने हत्या के दो और मामलों की जांच अपने हाथ में ली है। इनमें से एक मामले की जांच पूर्व में उत्तर 24 परगना के अम्डंगा पुलिस द्वारा की जा रही थी जिसने 10 मई को पीड़ित का शव फंदे से लटकता मिलने पर कथित तौर पर अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया था।
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया, ‘‘पीड़िता की पत्नी ने आरोपी पर हत्या का आरोप लगाया है।’’ सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार के मंत्री की पुलिस जांच को कथित प्रभावित करने के आरोप भी एजेंसी की नजर में है क्योंकि स्थानीय भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि अप्रकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया जबकि पीड़ित की हत्या हुई थी।
एक अन्य मामले में आरोप है कि भीड़ 27 अप्रैल को पीड़ित के घर में दाखिल हुई और जबरन उसे गंगरामपुर कलडिघी ले गई। जोशी ने बताया, ‘‘आरोप लगाया है कि आरोपियों ने पीड़ित पर लोहे की छड़, लाठी और खतरनाक हथियारों से हमला किया और गंभीर हालत में छोड़ा। पीड़ित को गंगारामपुर कलदिघी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर 29 अप्रैल को उसकी मौत हो गई।