By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 05, 2021
मुंबई। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) पर फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जांच पर “चुप्पी” साधने का आरोप लगाया। सीबीआई ने एक साल पहले मामले में जांच संभाली थी। पार्टी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल केंद्र अपने खुद के “राजनीतिक एजेंडा” के लिए कर रहा है। राजपूत (34) 14 जून, 2020 को मुंबई के बांद्रा इलाके में अपने अपार्टमेंट में पंखे पर फंदे से लटके मिले थे और सीबीआई ने पिछले साल अगस्त में जांच का जिम्मा संभाला था।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने ट्वीट किया, “सीबीआई द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की जांच बिहार पुलिस से लिए हुए आज एक साल हो गया। बिहार पुलिस द्वारा प्राथमिकी सीआरपीसी की धारा 177 के तहत दर्ज की गई थी। शीर्ष अदालत ने भी मुंबई पुलिस द्वारा की गई जांच पर संतुष्टि जताई थी।” उन्होंने कहा कि अब 300 दिन से भी ज्यादा हो गए हैं जब एम्स की एक समिति ने हत्या होने की बात खारिज कर दी थी।
उन्होंने ट्वीट में आरोप लगाया, “सीबीआई जान-बूझकर चुप है। राष्ट्रीय जांच एजेंसियों द्वारा जांच का यह मजाक इस बात का उपयुक्त उदाहरण है कि मोदी सरकार इन एजेंसियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए कैसे कर रही है।” सावंत ने एक अन्य ट्वीट में दावा किया कि गुप्तेश्वर पांडे (बिहार के पूर्व डीजीपी) को भाजपा के राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया जो मुंबई पुलिस की छवि को “धूमिल” करने और महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को “अस्थिर” करने का था।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, “भाजपा इस मामले को खुलेआम हत्या, बलात्कार का एंगल देकर निम्नतम स्तर तक गिर गई थी और उसने सुशांत की मृत्यु के मामले का बिहार के चुनावों में भी इस्तेमाल किया।” सांवत ने दावा किया कि एमवीए सरकार पर ‘‘समन्वित हमला” किया गया था।