By प्रेस विज्ञप्ति | May 17, 2022
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के घर पर एक बार फिर सीबीआई ने छापा मारा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस नेताओं के घरों पर लगातार छापेमारी हो रही है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने इस कार्रवाई के बाद मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अब जांच एजेंसियों को निर्देश देने के बजाय सीबीआई और ईडी की टीम को कांग्रेस नेताओं के घर के बाहर तंबू लगा कर स्थायी रूप से बैठ जाना चाहिए।
इस संबंध में आगे बोलते हुए अतुल लोंढे ने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का भय दिखा कर इस तरह की कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि अब जांच एजेंसियों को भी शायद याद नहीं है कि उन्होंने चिदंबरम के घर पर कितनी बार छापे मारे हैं। यही स्थिति कर्नाटक में प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार की भी है। शिवकुमार और उनके रिश्तेदारों के घरों पर ईडी और आयकर विभाग ने कितनी बार छापे मारे हैं। उसकी गिनती करना भी मुश्किल है। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के आवास, कार्यालयों और रिश्तेदारों के घरों पर विभिन्न केंद्रीय जांच एजेंसियों ने 110 बार से ज्यादा छापेमारी की है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने तंज कसते हुए कहा कि बार-बार इस तरह की छापेमारी में समय, पैसा और ऊर्जा बर्बाद करने के बजाय अगर जांच एजेंसियां तंबू लगा कर कांग्रेस नेताओं के घर के बाहर बैठ जाएं तो उनका समय बर्बाद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई में आम करदाताओं का पैसा बर्बाद करने के बजाय कांग्रेसी नेता जांच एजेंसियों के खाने-पीने का खर्च भी उठाएगी।
अतुल लोंढे ने कहा कि केंद्र सरकार के पास सिर्फ विपक्ष के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का ही काम रह गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेता भ्रष्ट हैं और उनके दल के नेता धुले हुए चावल की तरह साफ हैं। लोंढे ने यह भी कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसिया केंद्र की मोदी सरकार की कठपुतली बन गई है और उनकी आजादी पूरी तरह से खत्म हो गई है लेकिन यह लोकतंत्र के लिए काफी घातक है।