By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 11, 2019
मुम्बई। वरिष्ठ गीतकार जावेद अख्तर ने कहा है कि वह जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची के बलात्कार और हत्या मामले में आए फैसले पर निराशा को समझ सकते हैं, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि मृत्युदंड अपराधों को रोकने के लिए अचूक उपाय है। अख्तर ने स्वीकार किया कि उनके पास मृत्युदंड के गुण और दोष को लेकर स्पष्ट विचार नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि कुछ लोग फैसले को लेकर निराश हैं क्योंकि उन्होंने सोचा होगा कि इन लोगों को मृत्युदंड दिया जाना चाहिये था। मैं, पूरी ईमानदारी से स्वीकार करता हूं कि मृत्युदंड सही है या नहीं, इसे लेकर मेरे पास स्पष्ट विचार नहीं हैं।
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अख्तर ने सोमवार को यहां पुस्तक के विमोचन पर कठुआ फैसले पर प्रतिक्रिया मांगने पर कहा कि मैं एक चीज पूरे यकीन से कह सकता हूं कि मैं एक बात को लेकर आश्वस्त हूं कि मृत्युदंड अचूक उपाय नहीं है क्योंकि जहां मृत्युदंड पर रोक है, वहां अपराध में इजाफा नहीं हुआ है और जहां यह बरकरार है वहां अपराध कम नहीं हुआ है। मुझे नहीं पता कि उन्हें मृत्युदंड दिया जाना चाहिए था या उम्रकैद ही बेहतर है। मुझे वाकई नहीं पता। गौरतलब है कि सोमवार को पठानकोट की एक अदालत ने कठुआ मामले के आरोपियों में से तीन आरोपियों को उम्रकैद और तीन अन्य को पांच साल कैद की सजा सुनाई थी।