By अभिनय आकाश | Sep 20, 2023
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के उस बयान के बाद कनाडा और भारत के संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने भारतीय सरकारी एजेंसी पर इस साल जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को मारने का आरोप लगाया था। ट्रूडो की टिप्पणियों पर फ़ाइव आइज़ इंटेलिजेंस गठबंधन ने भी अपने बयान दिए हैं। हालांकि उन्होंने कथित तौर पर निज्जर की हत्या की संयुक्त रूप से निंदा करने के कनाडा के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है।
फ़ाइव आइज़ गठबंधन क्या है?
दुनिया के पांच ताकतवर देशों का गठबंधन जिसे फाइव आईज के नाम से जाना जाता है। इसके सदस्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड हैं। ये साझेदार देश एकीकृत बहुपक्षीय व्यवस्था में एक दूसरे के साथ व्यापक स्तर की खुफिया जानकारी साझा करते हैं। फाइव आईज संगठन पिछले 80 सालों से काम कर रहा है।
फाइव आईज को माना जाता है दुनिया का सबसे सफल खुफिया गठबंधन
फाइव आईज को दुनिया का सबसे सफल खुफिया गठबंधन माना जाता है। इसमें अमेरिका और ब्रिटेन का योगदान ज्यादा होता है। खुफिया जानकारियों के मामले में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का योगदान काफी कम रहता है। अब यह गठबंधन अपना स्वरूप बदलने पर विचार कर रहा है। 2020 में गठबंधन ने अपनी भूमिका को बदलने का संकेत दिया। 'फाइव आईज' ने सिर्फ गुप्त सुरक्षा से हटकर मानवाधिकारों के सम्मान पर अधिक सार्वजनिक रुख अपनाने पर सहमति जताई।
भारत के खिलाफ ट्रूडो की टिप्पणी पर फाइव आईज ने क्या कहा?
अमेरिका ने कहा है कि वो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लगाए आरोपों को लेकर बहुत चिंतित हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा कि ये अहम है कि कनाडा की जांच आगे बढ़े और दोषियों को न्याय के कटघरे में लगाया जाए।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि सभी देशों को संप्रभुता और देशों के कानून का सम्मान करना चाहिए। हम कनाडाई संसद में लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर अपने कनाडाई समकक्ष के संपर्क में हैं। ये जरूरी है कि कनाडा की जांच अपना काम करे।
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता पेनी वॉग ने कहा कि इस मसले पर ऑस्ट्रेलिया की चिंताएं नई दिल्ली के सामने सीनियर लेवल पर जाहिर कर दी गई है। ऑस्ट्रेलिया इस बात में विश्वास करता है कि सारे देशों को संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए।
ट्रूडो ने भारत से कड़े शब्दों में इस मामले की तह तक जाने के लिए कनाडा के साथ सहयोग करने का आग्रह किया। ट्रूडो ने कहा कि भारत सरकार को इस मामले को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है। हम ऐसा कर रहे हैं, हम उकसाने या इसे आगे बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी संसद में उनके भाषण पर हंगामा मचने के बाद आई है।