By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 17, 2019
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि वह करतारपुर गलियारे को खोलने के पीछे पाकिस्तान की मंशा पर विश्वास नहीं करते। सिंह ने कहा कि उनका एजेंडा ‘‘नापाक और राजनीतिक’’ है और इसका उद्देश्य सिखों की भावनाओं का ‘‘दोहन’’ करना है। सिंह ने अपनी सरकार के दो वर्ष पूरा होने पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पाकिस्तान एक अलग इरादे से ऐसा कर रहा है, इसका उद्देश्य शांति को बढ़ावा देना बिल्कुल भी नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत का एजेंडा धार्मिक, लेकिन उनका (पाकिस्तान का) पूरी तरह से बाधा पहुंचाने वाला है।’’ कांग्रेस नेता सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने गलियारे से गुजरने के लिए श्रद्धालुओं की जितनी संख्या प्रस्तावित की है वह बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं है और वह चाहते हैं कि कम से कम 15 हजार श्रद्धालुओं को प्रतिदिन ऐतिहासिक गुरुद्वारे जाने की इजाजत दी जाए।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने करतारपुर गुरुद्वारा के लिए खुली यात्रा की अपनी मांग दोहरायी और ऐसे गलियारे के तर्क पर सवाल उठाया जिसके बाद भी पासपोर्ट और वीजा की जरूरत हो। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ पहचान निश्चित तौर पर जरूरी है लेकिन पासपोर्ट आदि की कोई जरुरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसी जरुरत से केवल गरीब वंचित होंगे। भारत और पाकिस्तान गत वर्ष गुरदासपुर जिला स्थित बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोड़ने के लिए एक विशेष सीमा खोलने पर सहमत हुए थे। दोनों देश गलियारे को नवम्बर में गुरु नानक की 550वीं जयंती पर खोलने पर सहमत हुए थे। सिंह ने कहा कि वह गलियारे का समर्थन करते हैं जो कि सिखों के लिए श्रद्धा का मामला है लेकिन ऐहतियात बरतने की जरूरत है।
उन्होंने हाल के महीनों में पंजाब में आईएसआई समर्थित मॉड्यूल का भंडाफोड किये जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शांति की बात करते हैं, उनके सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा षड्यंत्रों को बढ़ावा देना जारी रखे हुए हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा किये गए हवाई हमले से क्या भाजपा को लोकसभा चुनाव में लाभ होगा, सिंह ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद कांग्रेस सहित चाहे जो भी सरकार होती वह जवाबी कार्रवाई करती। मुख्यमंत्री ने सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण करने के लिए भाजपा की आलोचना की। ‘‘कांग्रेस ने 1965 या 1971 युद्धों का कभी राजनीतिकरण नहीं किया। हमने देश को हमेशा राजनीतिक हित से ऊपर रखा।’’