क्या सरकार भरोसा दिलाएगी कि अब कोई जुनैद नहीं मरेगा?

By मनोज झा | Jun 28, 2017

जब भारत समेत पूरी दुनिया में ईद मनाई जा रही थी उस दौरान राजधानी दिल्ली से करीब 50 किलोमीटर दूर जुनैद के गांव में सन्नाटा पसरा था। हरियाणा के बल्लभगढ़ के पास खन्दावली गांव के लोग 22 जून की घटना को शायद ही कभी भूला पाएंगे?

 

ईद पर दिल्ली से अपने परिवार के साथ खरीदारी कर घर लौट रहे 17 साल के जुनैद को भीड़ ने चलती ट्रेन में पीट-पीटकर मार डाला। जुनैद और उसके परिवार के साथ भीड़ ने जैसा सलूक किया उसे सुनकर किसी की भी रूह कांप उठेगी। जुनैद के घरवालों के मुताबिक जैसे ही वो लोग ट्रेन में सवार हुए कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि वो अपने साथ बीफ ले जा रहे हैं फिर क्या था...चलती ट्रेन में भीड़ का तांडव शुरू हो गया....ट्रेन में सवार उपद्रवियों ने पहले उनकी टोपी उतारी, फिर दाढ़ी खींचने लगे...किसी ने उन्हें पाकिस्तानी बुलाना शुरू कर दिया।

 

लेकिन भीड़ का डरावना चेहरा तब सामने आया जब आरोपियों ने उन पर चाकुओं से हमला कर दिया...चाकुओं का सबसे ज्यादा वार जुनैद ने झेला...और उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। दिल्ली के पास चलती ट्रेन में हुई इस खौफनाक वारदात की खबर ने मुझे पूरी तरह हिला कर रख दिया। अखबार में खबर पढ़ने के बाद मैं कुछ देर तक असहज रहा...मैंने अपनी पत्नी को आवाज लगायी और उसे खबर पढ़ने को कहा...यकीन मानिए हम दोनों कुछ देर के लिए खामोश हो गए...हम ये सोचने लगे कि आखिर कहां गई हमारे हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब?

 

सवाल उठता है कि क्या हमारे समाज में इतना जहर घुल गया है कि हम इंसानियत भी भूल गए? हरियाणा में हुई इस वारदात पर खट्टर सरकार चुप है...लेकिन इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। बीफ के शक में इस देश में जुनैद से पहले भी कई लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है....लेकिन अफसोस कोई कुछ नहीं कर रहा।

 

मैं इस घटना को कोई मजहबी रंग नहीं देना चाहता ...लेकिन एक पल को अगर मैं मान भी लूं कि जुनैद और उसका परिवार अपने साथ बीफ ले जा रहा था तो भीड़ का उन पर टूट पड़ना कहां तक जायज है? अब मोदी और उनके समर्थकों को ये बात भले ही पसंद ना आए लेकिन सच्चाई यही है कि उनकी सरकार आने के बाद देश में इस तरह की घटनाएं तेजी से बढ़ रहीं हैं। 

 

वैसे मोदी खुद कह चुके हैं कि गोरक्षा के नाम पर कुछ लोग अपना धंधा चला रहे हैं...लेकिन क्या इतना भर कह देने से काम चल जाएगा...क्या मोदी सरकार हमें ये भरोसा दिलाएगी कि आगे से कोई भी जुनैद नहीं मरेगा? आखिर गोरक्षा के नाम पर देश में गुंडागर्दी कब खत्म होगी? इस मुल्क पर सभी का बराबरी का हक है..जुनैद हमारे देश का नौजवान था...उसके परिवार ने भी एक सपना देखा होगा...लेकिन वहशी भीड़ ने एक झटके में सब कुछ खत्म कर दिया।

 

अगर जुनैद के हत्यारों की पहचान कर उन्हें उनके अंजाम तक नहीं पहुंचाया गया तो अगली बार कोई मां अपने जुनैद को ईद पर खरीदारी करने घर से बाहर नहीं भेजेगी!

 

मनोज झा

(लेखक एक टीवी चैनल में वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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