नित्यानंद पर क्या हैं आरोप?
आलीशान जीवनशैली के लिए मशहूर नित्यानंद अपने शिव भक्तों में भगवान शिव और कृष्ण भक्तों के लिए मुरलीधर थे जिनकी बंसी को सुनकर गोपिकाएं रास करने लगती थीं। नित्यनंद पर अनुयायियों के साथ बलात्कार और बच्चों को अगवा करने के आरोप हैं। उस पर आरोप है कि अपना आश्रम चलाने के लिए बच्चों का अपहरण कर उनसे श्रद्धालुओं से चंदा जुटाने के लिए मजबूर करता था। पुलिस ने इस मामले में उसकी दो अनुयायियों को भी गिरफ्तार कर चुकी है।
कहां है कैलासा?
दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में त्रिनिदाद और टोबैगो के पास इक्वाडोर के पास एक द्वीप पर नित्यानंद ने अपना नया देश बसा लिया है। भारत से इस देश की दूरी करीब 17 से 18 हजार किलोमीटर दूर है। आबादी की बात करें तो कैलासा की वेबसाइट जनसंख्या को लेकर एक अजीब सा दावा करती है। उनका दावा है कि हिंदू धर्म को मानने वाले 200 करोड़ लोग उनके देश के नागरिक हैं। कैलासा के लिए दो तरह के पासपोर्ट बनाए गए हैं। एक सुनहरे रंग का और दूसरा लाल रंग। वहीं कैलासा के झंडे का रंग मैरून हैं। इस पर दो प्रतीक हैं- एक सिंहासन पर नित्यानंद और दूसरे पर एक नंदी है।
कौन हैं विजयप्रिया नित्यानंद?
साड़ी और सिर पर पगड़ी पहने और गहनों से लदी महिला ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में "संयुक्त राज्य कैलास के स्थायी राजदूत" के रूप में अपना परिचय दिया। उसके फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार वह वाशिंगटन, डीसी में रहती हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई तस्वीरों में विजयप्रिया को अपने दाहिने हाथ पर नित्यानंद के एक बड़े टैटू के साथ दिखाया गया है। विजयप्रिया ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, मैनिटोबा विश्वविद्यालय से माइक्रोबायोलॉजी में बीएससी ऑनर्स किया। वह जून 2014 में विश्वविद्यालय के डीन की सम्मान सूची में थीं। लिंक्डइन प्रोफाइल में आगे उल्लेख किया गया है कि विजयप्रिया चार भाषाओं - अंग्रेजी, फ्रेंच, हिंदी और क्रियोल और पिजिन (फ्रेंच-आधारित) को जानती हैं। 'कैलासा' की एक वेबसाइट भी है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि विजयप्रिया नित्यानंद देश की ओर से संगठनों के साथ समझौता करती हैं। 24 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में उन्होंने कई देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया। 'कैलासा' की वेबसाइट का यह भी दावा है कि 150 देशों में उनके दूतावास और एनजीओ हैं।
विजयप्रिया ने क्या कहा?
कैलासा की प्रतिनिधि ने दावा किया कि नित्यानंद को भारत सता रहा है। उन्हें सुरक्षा दी जाए। संयुक्त राष्ट्र में नजर आई महिला ने अपना नाम मां विजयप्रिया नित्यानंद बताया है। विजयप्रिया नित्यानंद ने दावा किया कि हिंदू परंपराओं को जीवित करने के लिए भारत में उनके सर्वोच्च गुरु का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से यह तक पूछा कि कैलासा में नित्यानंद और बीस लाख हिंदू प्रवासी आबादी के उत्पीड़न को रोकने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या उपाय किए जा सकते हैं।
भारत का जवाब
संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने इसे संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रियाओं का पूरी तरह दुरुपयोग बताया। उन्होंने कहा, यह संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रियाओं का पूरी तरह से दुरुपयोग है कि एक भगोड़े द्वारा चलाए जा रहे संगठन के प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र को एनजीओ या अन्य के रूप में संबोधित करते हैं। भारत यह सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत प्रक्रिया का आह्वान करता रहा है कि केवल विश्वसनीय एनजीओ को ही मान्यता मिले। हालांकि, इस आह्वान पर ध्यान नहीं दिया गया है।
क्या है इसकी करेंसी और कैसे चलती है सरकार?
आपका घर, आपके नियम। जब तक जमीन का इस्तेमाल किसी गैरकानूनी काम के लिए नहीं होता है, तब तक नियम बनाने और सिस्टम बनाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। लगता है नित्यानंद ने भी ऐसा ही किया है। भगोड़ा स्वयंभू बाबा कैलासा में "दो अरब हिंदुओं" का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है। कैलाश का एक ध्वज है जिसे ऋषभ ध्वज कहा जाता है। कैलासा राज्य ध्वज में नंदी बैल और नित्यानंद हैं। नित्यानंद के अनुयायियों को पूजा स्थलों, कार्यालयों, कारों और उनके आवासों में ध्वज का उपयोग करने की अनुमति है। कैलासा के राज्य प्रतीक पर नित्यानंद है और "कैलासा के लौकिक संविधान की दृष्टि" भी है। कैलाश का एक राष्ट्रगान है और इसकी अपनी मुद्रा और रिजर्व बैंक भी है।
क्या कोई भी बना सकता है देश?
छोटा-मोटा द्वीप खरीद पाना अलग बात है औऱ देश बनाना एकदम अलग। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कानून की कई शर्तें पूरी होनी चाहिए। इसके बाद भी अगर कहीं भी थोड़ा कंफ्यूजन हो तो देश के तौर पर आपकी क्लेम की जा रही जमीन को मान्यता नहीं मिल पाती। अपना अलग मुल्क बना पाने के लिए अहम शर्त है देश की सीमाओं का तय होना। कोई देश कहां से शुरू और किस जगह खत्म होता है, ये पक्का होना चाहिए।