By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 05, 2019
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को मंगलवार को आदेश दिया कि वह पूछताछ के लिये स्वयं को सीबीआई के समक्ष उपलब्ध कराएं और शारदा चिटफंड घोटाला मामले की जांच में एजेंसी के साथ ‘‘ईमानदारी से’’ सहयोग करें। शीर्ष अदालत ने कहा कि कुमार जांच के लिए मेघालय के शिलांग में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश होंगे। न्यायालय ने कहा कि जांच के दौरान कोलकाता पुलिस प्रमुख की गिरफ्तारी समेत बलपूर्वक कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की वाली पीठ ने सीबीआई की अर्जी पर कुमार को नोटिस भी जारी किया और उन्हें 20 फरवरी से पहले अपना जवाब देने का निर्देश दिया।
सीबीआई का आरोप है कि कुमार इस मामले के इलेक्ट्रॉनिक सबूत के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे और उनके नेतृत्व वाले विशेष जांच दल ने एजेंसी को जो सामग्री सौंपी है उसके साथ छेड़छाड़ की गई है। इन आरोपों पर आगे की सुनवाई 20 फरवरी को होगी। न्यायालय ने कुमार ने कहा कि वह स्वयं को सीबीआई के समक्ष उपलब्ध कराएं और शारदा घोटाला मामले में ‘‘ईमानदारी से सहयोग’’ करें।
यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में सीबीआई की कार्रवाई के मुद्दे पर संसद में गतिरोध कायम
न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और कोलकाता पुलिस आयुक्त को आदेश दिया है कि वे सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दायर अवमानना याचिकाओं पर 18 फरवरी या उससे पहले जवाब दें। पीठ ने कहा कि प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक और कोलकाता पुलिस आयुक्त के जवाब पर विचार करने के बाद न्यायालय इन तीनों को 20 फरवरी को अदालत में पेश होने के लिये कह सकता है। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के महासचिव उन्हें 19 फरवरी को सूचित करेंगे कि उन्हें 20 फरवरी को न्यायालय के समक्ष पेश होना है या नहीं।