By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 15, 2019
नयी दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने विवादित राफेल विमान करार के अपने अंकेक्षण का ब्योरा देने से इनकार कर दिया है। सीएजी ने कहा कि राफेल करार के अंकेक्षण की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है और अभी कोई खुलासा करने से संसद के विशेषाधिकार का हनन होगा। पुणे में रहने वाले कार्यकर्ता विहार दुर्वे की ओर से सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर एक अर्जी पर अपने जवाब में सीएजी ने यह जानकारी दी।
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देश के अंकेक्षक ने कहा, ‘अंकेक्षण में प्रगति हो रही है और रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। यह सूचना आरटीआई कानून की धारा 8(1)(सी) के तहत नहीं दी जा सकती, क्योंकि ऐसा करना संसद के विशेषाधिकार का हनन होगा।’ पिछले महीने उच्चतम न्यायालय ने उन अर्जियों को खारिज कर दिया था जिनमें 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए भारत और फ्रांस के बीच हुए करार को चुनौती दी गई थी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस मामले में फैसला लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है।
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अर्जियों में मांग की गई थी कि 58,000 करोड़ रुपए के करार में हुई कथित अनियमितता की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज की जाए और मामले की छानबीन अदालत की निगरानी में कराई जाए।