By दिनेश शुक्ल | May 23, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में भूमि अधिगृहण से पहले ही करोड़ो रूपए के भुगतान का एक मामला सामने आया है। कमलनाथ सरकार के पिछले छह महिनें में किए गए निर्णयों की जाँच कर रही मंत्रीमंडलीय कमेटी ने इसके रिकार्ड तलब किए है। जिससे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के विधानसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा में 4100 करोड़ रुपए की सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना का काम अटक गया है। कांग्रेस सरकार में मंजूर हुए इस प्रोजेक्ट का रिकॉर्ड राज्य शासन ने बुलवाया है जिसमें 20 दिनों के भीतर 450 करोड़ रुपए के भुगतान को जांच के दायरे में लिया गया है। अब इससे जुड़ी फाइलों की समीक्षा के बाद ही प्रोजेक्ट पर आगे काम शुरू हो पाएगा। पिछले दिनों कमलनाथ सरकार के अंतिम छह महीने के सभी फैसलों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीन मंत्रियों का मंत्रिमंडल समूह गठित किया है। जिसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल और जल संसाधन मंत्री तुसली सिलावट को शामिल किया गया था। अब इसी कमेटी ने सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना से जुड़े सभी आदेश, टेंडर और भुगतान से जुड़ी फाइलें तलब की हैं।
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दरआसल इस पूरे मामले में छिंदवाड़ा भाजपा के जिलाध्यक्ष विवेक साहू ने इसकी शिकायत की थी। परियोजना में 20 फरवरी 2020 से 15 मार्च 2020 के बीच 450 करोड़ रुपए से ज्यादा के भुगतान की जांच की मांग की गई है। विवेक साहू ने शिकायत में कहा है कि हजारों हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। जब अधिग्रहण नहीं हो पाया है तो करोड़ों का भुगतान पहले क्यों कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के साथ हुए छिंदवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में कमलनाथ के सामाने भाजपा ने जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू को ही मैदान में उतारा था। वही जमीन अधिग्रहण से जुड़े इस मामले में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना की शिकायत मिली है। कमेटी ने फाइलें बुलवाई हैं, जिसकी जांच होगी।