By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 25, 2024
नयी दिल्ली । निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष क्षेत्र की स्टार्टअप इकाइयों की मदद के लिए 1,000 करोड़ रुपये के उद्यम पूंजी कोष की स्थापना को मंजूरी दे दी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कोष भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (आईएन-स्पेस) के तत्वावधान में काम करेगा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर इसका संचालन किया जाएगा। उद्योग जगत ने इस फैसले का स्वागत किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृत इस कोष के तहत दो चरणों में 30-35 अंतरिक्ष स्टार्टअप इकाइयों में निवेश किया जाएगा। पहले चरण में पांच से 10 करोड़ रुपये और उसके बाद 10-60 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए उद्यम पूंजी कोष की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में की थी। सरकार ने कहा कि इससे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति को बढ़ावा मिलेगा और निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से भारत के नेतृत्व को मजबूती मिलेगी। इस पूंजी निवेश का व्यापक प्रभाव पड़ेगा और बाद के चरण में अतिरिक्त पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी।
इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट (सेवानिवृत्त) ने कहा, “हमारा मानना है कि यह कोष न केवल भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक होगा, बल्कि निवेशकों को इस क्षेत्र को एक निवेश के रूप में गंभीरता से देखने और भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप गाथा का हिस्सा बनने के लिए आगे आने के लिए प्रेरित भी करेगा।” पिक्सल के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अवैस अहमद ने कहा कि 1,000 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष बिल्कुल वही है जिसकी भारत के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को अभी जरूरत है। अहमद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ परपोस्ट में कहा, “यह कोष अंतरिक्ष कंपनियों की अगली लहर के लिए शुरुआत हो सकता है जो जलवायु निगरानी से लेकर उपग्रह संचार तक हर चीज से निपटेंगे।