By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 08, 2023
उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल सहित कुल छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणामों की शुक्रवार को हुई घोषणा के बाद भाजपा के हिस्से में तीन सीटें जबकि विपक्षी दलों के खाते में चार सीटें आयी हैं। वहीं समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की घोसी सीट बचाने में कामयाब रही है। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) में शामिल कांग्रेस, झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा), तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के हिस्से में एक-एक सीटें आयी हैं। विपक्षी गठबंधन ने उत्तर प्रदेश में घोसी और झारखंड की डुमरी विधानसभा सीटों पर जीत का स्वाद चखा। ‘इंडिया’ ने इन सीटों पर क्रमश: सपा और झामुमो का समर्थन किया था। भाजपा ने उत्तराखंड में बागेश्वर और त्रिपुरा में धनपुर विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा और इस पूर्वोत्तर राज्य में बक्सनगर विधानसभा सीट माकपा से छीनने में कामयाब रही है।
बक्सनगर सीट पर ‘इंडिया’ ने संयुक्त रूप से उम्मीदवार उतारा था। लेकिन भाजपा को पश्चिम बंगाल में धूपगुड़ी विधानसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं उपचुनावों में भाजपा को हरा कर जीत हासिल करने वाले सभी लोगों को बधाई देना चाहती हूं। भाजपा पांच सितंबर को सात सीटों पर हुए उपचुनावों में से चार सीटें हार गई है। यह ‘इंडिया’ के लिए एक बड़ी जीत है।’’ कांग्रेस ने भी कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के उम्मीदवारों की जीत साबित करती है कि लोगों ने भाजपा के विकल्प के रूप में उसे स्वीकार कर लिया है। हालांकि, भाजपा नेताओं ने त्रिपुरा और उत्तराखंड में पार्टी को मिली जीत की सराहना की। पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रभारी संबित पात्रा ने कहा कि नतीजों ने विपक्षी दलों के ‘घमंडिया’ गठबंधन के अहंकार को चकनाचूर कर दिया है।
ये उपचुनाव अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबला करने के लिए हाल ही में बने 28 विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए पहली चुनावी परीक्षा थे। जिन सात सीटों पर पांच सितंबर को उपचुनाव हुआ था, उनमें से तीन पहले भाजपा के पास थीं और एक-एक सीट कांग्रेस, सपा, माकपा और झामुमो के पास थीं। केरल में विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने केरल में पुथुपल्ली विधानसभा सीट बरकरार रखी है। यहां से यूडीएफ के उम्मीदवार व कांग्रेस के दिवंगत नेता ओमन चांडी के पुत्र चांडी ओमन ने सत्तारूढ़ एलडीएफ उम्मीदवार जैक सी थॉमस को हराया है। ओमन को जहां 80,144 वोट मिले, वहीं थॉमस को केवल 42,425 वोट ही मिल सके। भाजपा उम्मीदवार लिजिन लाल 6,558 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल कांग्रेस और वामदल हालांकि केरल में आमने-सामने थे और चुनाव पर्यवेक्षकों का कहना है कि कांग्रेस के लोकप्रिय नेता के निधन से उत्पन्न सहानुभूति का पूरा लाभ चांडी ओमन को मिला है। घोसी में, सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने भाजपा के दारा सिंह चौहान को हराया। चौहान ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में सपा के टिकट पर यह सीट जीती थी, लेकिन हाल ही में इस्तीफा देकर वह भाजपा में शामिल हो गए। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘यह सकारात्मक राजनीति की जीत और नकारात्मक सांप्रदायिक राजनीति की हार है... यह ‘इंडिया’ की जीत की ओर बढ़ रहा भारत है।’’ सिंह ने दारा सिंह चौहान को 42,759 वोटों से हराया है। चौहान योगी आदित्यनाथ नीत पहली सरकार में मंत्री थे और पिछले विधानसभा चुनावों से पहले सपा में शामिल हो गए थे।
इस बार, चौहान को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगियों अपना दल (सोनेलाल), निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) पार्टी और पूर्व सपा सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभाषपा) का समर्थन प्राप्त था। वहीं, ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों - कांग्रेस, वाम दलों, रालोद, आप (आम आदमी पार्टी) और सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी ने सपा को समर्थन दिया। राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि सपा के सुधाकर सिंह की निर्णायक जीत सहित ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवारों की जीत ने साबित कर दिया है कि जनता ने भाजपा के विकल्प के रूप में ‘इंडिया’ को स्वीकार कर लिया है। झारखंड के डुमरी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में झामुमो उम्मीदवार बेबी देवी ने आजसू पार्टी की उम्मीदवार यशोदा देवी को 17,153 मतों से हराकर जीत हासिल की।
अधिकारी ने बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की उम्मीदवार को करीब 1,00,317 वोट मिले जबकि राजग की उम्मीदवार यशोदा देवी को 83,164 वोट मिले। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) में झामुमो के शामिल होने के कारण वह (बेबी देवी) इसकी भी उम्मीदवार थीं। बेबी देवी झारखंड के पूर्व मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी हैं, जिनका अप्रैल में निधन होने के कारण डुमरी सीट पर उपचुनाव आवश्यक हो गया था। बेबी देवी ने अपनी जीत को महतो के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘वादे के मुताबिक, अब मैं महतो के अधूरे कामों को पूरा करूंगी।’’ बेबी देवी फिलहाल झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। पश्चिम बंगाल की धूपगुड़ी सीट पर पेशे से कॉलेज के प्रोफेसर एवं तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार निर्मल चंद्र रॉय ने 4,313 मतों के अंतर से जीत दर्ज की है।
उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की तापसी रॉय थीं, जो 2021 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान की पत्नी हैं। अधिकारियों ने बताया कि निर्मल रॉय को 96,961 वोट मिले, जबकि भाजपा की तापसी रॉय को 92,648 वोट मिले। वहीं कांग्रेस समर्थित माकपा उम्मीदवार ईश्वर चंद्र रॉय 13,666 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि धूपगुड़ी के लोगों ने नफरत और कट्टरता के स्थान पर विकास की राजनीति को अपनाया। उत्तराखंड के बागेश्वर में भाजपा की पार्वती दास ने कांग्रेस के बसंत कुमार को 2,400 से ज्यादा वोटों से हराया। दास भाजपा नेता चंदनराम दास की पत्नी हैं जिनकी अप्रैल में मृत्यु होने के कारण सीट पर उपचुनाव हुए हैं। भाजपा ने इस सीट पर लगातर पांचवीं बार जीत हासिल की है। उत्तराखंड क्रांति दल, समाजवादी पार्टी और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के तीन अन्य उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है।
भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने राज्य के लोगों को धन्यवाद देते हुए ‘एक्स’ पर लिखा है, उत्तराखंड में बागेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा की जीत आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में पार्टी की डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों पर लोगों की मुहर है। नड्डा ने भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख महेंद्र भट्ट, पार्टी कार्यकर्ताओं और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी बधाई दी। त्रिपुरा में, भाजपा के तफज्जल हुसैन ने बक्सनगर सीट पर 30,237 वोटों से जीत हासिल की, जहां लगभग 66 प्रतिशत अल्पसंख्यक मतदाता हैं। हुसैन को 34,146 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी माकपा के मिज़ान हुसैन को 3,909 वोट मिले।
भाजपा उम्मीदवार बिंदू देबनाथ ने धनपुर सीट पर 18,871 वोटों से जीत हासिल की है, जहां आदिवासियों की अच्छी खासी आबादी है। देबनाथ को 30,017 वोट मिले और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी माकपा के कौशिक चंदा को 11,146 वोट मिले। मतदान के दौरान बड़े पैमाने पर धांधली और चुनाव आयोग पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए विपक्षी माकपा ने वोटों की गिनती का बहिष्कार किया और दोबारा चुनाव कराने की मांग की। माकपा विधायक समसुल हक की मृत्यु के कारण बक्सनगर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव आवश्यक हुआ। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक के धनपुर के विधायक पद से इस्तीफा देने के कारण वहां उपचुनाव हुआ। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों के कारण हम उपचुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त थे।
मैं प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री माणिक साहा में विश्वास जताने के लिए लोगों को धन्यवाद देता हूं। माकपा, जिसने वर्षों तक राज्य पर शासन किया था, निकट भविष्य में विलुप्त हो जाएगी।