By नीरज कुमार दुबे | Mar 27, 2025
उत्तराखंड सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को अवैध मदरसों के वित्तपोषण के स्रोतों का पता लगाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अवैध दरगाहों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन भी तेजी से चलाया जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर राज्य की राजनीति भी गर्मा गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मदरसों और दरगाहों का पक्ष लिया है तो भाजपा ने उन पर तीखे सवाल उठाये हैं। हम आपको यह भी बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने राज्य में 100 से अधिक अवैध मदरसों को सील कर दिया है। इसके साथ ही सभी जिलाधिकारियों की ओर से अवैध मदरसों को मिल रही फंडिंग की जांच के जो आदेश दिये गये हैं उसके बारे में बताया जा रहा है कि इस दौरान यह पता लगाया जाएगा कि मदरसों को किन स्रोतों से धनराशि मिल रही थी और वे किस उद्देश्य से इसका इस्तेमाल कर रहे थे। जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कहीं इन मदरसों को हवाला के माध्यम से तो पैसा नहीं मिल रहा था।
बताया जा रहा है कि अधिकारियों को जांच कर अपनी रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपने के लिए कहा गया है। हम आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में कहा था कि राज्य में अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा था, ‘‘बड़े पैमाने पर अवैध मदरसों का संचालन गंभीर मामला है। इसकी जांच के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।’’ मुख्यमंत्री के आदेश के बाद राज्य में पिछले महीने शुरू किये गये अभियान के तहत अब तक 136 अवैध मदरसों को सील किया गया है। उधम सिंह नगर जिले में सबसे अधिक 64 मदरसे सील किये गये, जबकि देहरादून में 44, हरिद्वार में 26 और पौड़ी में दो मदरसों को सील किया गया है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य में 500 से अधिक अवैध मदरसे मदरसा बोर्ड से संबद्धता के बिना संचालित किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में पंजीकृत मदरसों की संख्या 450 है और ये प्रशासन को बैंक खाते का विवरण और अपने खर्चों का रिकॉर्ड जैसे दस्तावेज उपलब्ध कराते हैं।
दूसरी ओर भाजपा ने उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का विरोध करने पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि कांग्रेस नेता तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। भाजपा की उत्तराखंड इकाई के प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने कहा, ‘‘अवैध मदरसों के बंद होने पर उन्हें क्यों भयभीत होना चाहिए। जब पूरी देवभूमि को लग रहा है कि अवैध मदरसे बंद करके (पुष्कर) धामी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है, तो हरीश रावत को पीड़ा क्यों हो रही है।’’ बिपिन कैंथोला ने कहा, ‘‘उनके बयानों में झलकता दर्द यह बताने के लिए काफी है कि आज भी वह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।’’ हम आपको बता दें कि हरीश रावत ने अवैध मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य पर चिंता जताते हुए सवाल किया था कि सरकार ने उनके लिए क्या वैकल्पिक व्यवस्था की है। उन्होंने यह भी कहा था कि कार्रवाई ईद तक टाल दी जानी चाहिए थी। हरीश रावत ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा था, ‘‘क्या मदरसों के छात्र भी सरकार की जिम्मेदारी नहीं हैं?’’
इसके जवाब में बिपिन कैंथोला ने कहा कि अवैध मदरसों को वित्त पोषण की जांच शुरू होने के बाद से हरीश रावत और अधिक भयभीत हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हरीश रावत को लगता है कि जांच की आंच उनके किसी करीबी या उनकी पार्टी के किसी नेता तक पहुंच सकती है। बस उन्हें बचाने के लिए वह कवर फायरिंग करते नजर आ रहे हैं।’’ भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अवैध मदरसों के वित्तपोषण की जांच से उत्तराखंड में कई लोग बेनकाब होंगे। जनता के सामने यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन देवभूमि की मूल पहचान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहा है।’’ इस बीच, हरिद्वार प्रशासन ने आज सिंचाई विभाग की जमीन पर बने अवैध दरगाह को ढहा दिया।