By अंकित सिंह | Dec 03, 2023
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जबर्दस्त जीत हासिल की है। इसके साथ ही के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार सत्ता से बाहर हो गई है। तेलंगाना का 2014 में जन्म हुआ था। उसके बाद से लगातार तो कार्यकाल के लिए के चंद्रशेखर राव राज्य के मुख्यमंत्री बने। उनकी पार्टी टीआरएस ने दो बार का विधानसभा चुनाव जीता। हालांकि, राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा को ध्यान में रखते हुए के चंद्रशेखर राव ने अपनी पार्टी का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया था। तेलंगाना में फिलहाल भारत राष्ट्र समिति कांग्रेस से काफी पीछे है। कांग्रेस राज्य में लगभग 65 सीटों पर जीत हासिल करते हुए दिखाई दे रही है वहीं 40 पर बीआरएस को बढ़त है।
इन सब के बीच केटी रामा राव ने तेलंगाना में बीआरएस की हार को स्वीकार कर लिया है। केटी रामा राव तेलंगाना में मंत्री रहे हैं और वह के चंद्रशेखर राव के बेटे भी हैं। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि बीआरएस को लगातार दो कार्यकाल देने के लिए तेलंगाना के लोगों का आभारी हूं। आज के नतीजे से दुखी नहीं हूं, लेकिन निराश जरूर हूं क्योंकि यह हमारे लिए उम्मीद के मुताबिक नहीं था। लेकिन हम इसे एक सीख के रूप में लेंगे और वापसी करेंगे। जनादेश जीतने पर कांग्रेस पार्टी को बधाई।
कांग्रेस ने राज्य में अच्छी बढ़त हासिल करते हुए के.चंद्रशेखर राव के सपने को चकनाचूर कर दिया। बीआरएस की परेशानी बढ़ाने के लिए, राज्य के दो बार के मुख्यमंत्री राव उन दो सीटों में से एक से पीछे चल रहे हैं, जिन पर वह चुनाव लड़ रहे हैं। वह कामारेड्डी में कांग्रेस के युवा राज्य प्रमुख रेवंत रेड्डी से पीछे चल रहे हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति, जिसे अब भारत राष्ट्र समिति का नाम दिया गया है, ने तेलंगाना के राज्य आंदोलन का नेतृत्व किया था और 2014 में राज्य को आंध्र प्रदेश से अलग करने के बाद से एक दशक तक अटूट समर्थन प्राप्त किया था।
इस बदलाव को आंशिक रूप से राव और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा खुलासा कि राव ने एनडीए में शामिल होने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें अस्वीकार कर दिया गया था, इससे भी इसमें इजाफा हो सकता है।