By अभिनय आकाश | Jul 26, 2021
कोरोना वायरस की शुरुआत हुए डेढ़ साल हो चुके हैं। एक तरफ जहां हम इंसान वायरस को हराने की कोशिश में जुटे हैं। वहीं वायरस भी खुद को और मजबूत बनाने की कोशिश में लगा है। अब सिर्फ कोरोना हमारी सबसे बड़ी चुनौती नहीं रहा। इसके नए-नए रूप और विभिन्न प्रकार के वेरिएंट हमें परेशान कर रहे हैं। दिक्कत सिर्फ उन देशों को नहीं जिनके पास वैक्सीन की कमी है, या जिनके यहां वैक्सीनेशन कम हुआ है। एक बड़ी आबादी को वैक्सीन लगा चुके देश भी परेशान हैं। ऐसा ही एक देश है ब्रिटेन जहां सबसे पहले कोरोना वैक्सीनेशन का प्रोग्राम शुरू हुआ। अब तक ब्रिटेन के 88 प्रतिशत वयस्कों को पहली डोज और 69 प्रतिशत को दूसरी डोज मिल चुकी। मगर इसके बावजूद ब्रिटेन बेहाल है। लेकिन इन सब से इतर ब्रिटिश सरकार कोविड-19की वजह से ‘पैनडेमिक’’ के साथ-साथ ‘पिंगडेमिक’ से भी जूझती नजी आई। दरअसल, कोविड-19 मरीजों की निगरानी करने के लिए शुरू किए गए ऐप ने इस महीने के शुरुआती एक हफ्ते में ही करीब 60 हजार लोगों को सेल्फ आइसोलेशन के लिए चेतावनी संदेश भेजे हैं।
एनएचएस के ऐपे से भेजे जा रहे मैसेज
ये मूलत: एक कांट्रैक्ट ट्रेसिंग ऐप है। अगर आप किसी इनफेक्टेड व्यक्ति के नजदीक में आए तो ऐप से आपको मैसेज आएगा। फौरी तौर पर देखा जाए तो कहेंगे, क्या टेक्नॉलिजी है। जिसके बाद आपको 10 दिनों तक आइसोलेटेड रहना होगा। नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के ऐप द्वारा भेजे जा रहे चेतावनी परामर्श हैं और कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है जैसा कि एनएचएस की जांच और पहचान टीम द्वारा किया गया फोन कॉल होता है। हालांकि, सरकार का निर्देश है कि किसी संक्रमित से संभवत: संपर्क में आने पर भेजे गए चेतावनी संदेश के बाद व्यक्ति 10 दिनों तक सेल्फ आइसोलेशन में रहे।
सेल्फ आइसोलेशन की वजह से हो रही कर्मचारियों की कमी
ऐप ने इस महीने के शुरुआती एक हफ्ते में ही करीब 60 हजार लोगों को चेतावनी संदेश भेजे हैं और सभी को सेल्फ आइसोलेशन में रहने को कहा गया है। जिसके परिणाम स्वरूप लोग काम पर नहीं जा पा रहे। कारोबार और सुपरमार्केट से लगातार शिकायत बढ़ती जा रही है कि ऐप के अलर्ट संदेश से उनके यहां कर्मचारियों की कमी हो रही है और आवश्यकसेवाएं एवं वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। ब्रिटिश रिटेल कंसोर्टियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कहना है कि ऐसे कई छोटे व्यवसाय होंगे जहां यदि उनके पास केवल एक या दो कर्मचारी हैं और सेल्फ आइसोलेशन की वजह से उन्हें अपने बिजनेस को बंद करना पड़ेगा। सरकार की आलोचना ट्रेसर टीम से कांटैक्ट में आने के बाद घर में रहने के निर्देषों को लेकर हो रही है।
ब्रिटेन के मंत्री बोले- इसका पालन करना चाहिए
ब्रिटेन के व्यापार मंत्री क्वासी क्वारतेंग ने बीबीसी से कहा, ‘‘अगर आपके पास संदेश आता है तो आपको पृथकवास में चले जाना चाहिए। मैं जानता हूं कि यह चुनौती पेश करता हैं, हमें कर्मचारियों की कमी की खबरें मिल रही है जिसकी हम निगरानी कर रहे हैं लेकिन नियम स्पष्ट है और मेरा मानना है कि उन्हें इसका पालन करना चाहिए।’’ उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार बड़े पैमाने पर लोगों के पास संदेश जाने और उनके काम नहीं कर पाने को लेकर चिंतित है और ‘जल्द ही’अहम सेवाओं में लगे कर्मचारियों को छूट देने संबंधी सूची जारी करने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘रियायती सूची सीमित होगी क्योंकि निश्चित तौर पर हमें कहीं सीमा तय करनी होगी।’’
ऐप को डाउनलोड करने वालों की संख्या में हो रहा लगातार इजाफा
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता ने कहा कि ऐप वही काम कर रहा है जिसके लिए उसे बनाया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि 16 अगस्त से पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों के ऐप पर संदेश आने के बावजूद पृथकवास में रहने के निर्देश को खत्म कर दिया जाएगा। इस बीच ऐप को डाउनलोड करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और एक हफ्ते में संख्या 2,65,23,853 से बढ़कर 2,68,26,748 हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि कई लोगों ने संदेश के डर से ऐप को अपने फोन से हटाया भी है।
बढ़ते केसों के बावजूद अनलॉक हुआ ब्रिटेन, जिसे फ्रीडम-डे कहा गया
ब्रिटेन को 19 जुलाई से पूरी तरह से अनलॉक किया गया। अनलॉक का फैसला ऐसे समय पर लिया गया, जब वहां दुनिया के सबसे ज्यादा कोरोना केस सामने आ रहे। ब्रिटेन में कानूनी रूप से मास्क पहनना भी जरूरी रहा। प्रतिबंधों में मिली ढील को फ्रीडम-डे कहा गया। ब्रिटेन के अनलॉक वाले निर्णय पर दुनिया के 1200 वैज्ञानिकों ने चिंता जताने के साथ ही चेतावनी भी दी कि ब्रिटेन में अनलॉक पूरी दुनिया के लिए खतरा साबित होगा। दूसरी ओर वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके ब्रिटेन के नए स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद कोरोना पॉजिटिव पाए गए। -अभिनय आकाश