By निधि अविनाश | Feb 25, 2022
चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र और उसके आस-पास के अपवर्जन क्षेत्र पर रूसी बलों ने कब्जा कर लिया है। इसकी जानकारी यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्यामगल ने 24 फरवरी को दी है। आपको बता दें कि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेन्स्की ने कहा था कि, हमारी सेना इस इलाके को बचाने का पूरा प्रयास करेगी ताकि साल 1986 वाला हादसा फिर से ना दोहराया जा सकें। लेकिन जिसका डर था वहीं हुआ, रूस की सेना ने चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर कब्जा कर लिया है। बता दें कि, इस कब्जे से अब पूरे यूरोप के खिलाफ युद्ध का ऐलान हो गया है।
क्या हुआ था साल 1986 को
जानकारी के लिए बता दें कि, साल 1986 में यूक्रेन के चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में भारी रिसाव हुआ था जिससे पूरे इलाके में रेडिएशन फैल गया था। इस रेडिएशन का असर 2600 वर्ग किलोमीटर तक था। वैज्ञानिकों ने कहा था कि, इस जगह पर अगले 24 साल तक कोई भी इंसान नहीं रह सकता है। बता दें कि, अब यह परमाणु संयत्र एक कचरे का स्टोरेज में तब्दील हो गया है। लेकिन यहां भारी टनों में परमाणु ईंधन स्टोर करके रखा हुआ है। पिछले साल की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि, इस प्लांट के अंदर ईंधन आज तक सुलग रहे है जो कभी भी विस्फोट हो सकता है।
क्या है इस समय के हालात
inews.com की खबर के मुताबिक चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में इस समय यूक्रेन और रूस के परमाणु संयत्रों से निकला 22 हजार बोरी परमाणु कचरा रखा है। बता दें कि, अगर यहां हमला हुआ तो बड़ी तबाही हो सकती है। यूक्रेन के साइंटिफिक एंड टेक्निकल सेंटर फॉर न्यूक्लियर एंड रेडिएशन सेफ्टी के प्रमुख डिमित्रो गुमेनयुक ने कहा कि, इस इलाके पर अगर गलती से एक भी बारूद गिरता है तो भयानक हालात भुगतने पड़ सकते है। रेडिएशन हर जगह फैलेगा जिसको संभलाना बहुता मुश्किल साबित होगा। अगर रूस की तरफ से एक भी मिसाइल इस इलाके पर गिरता है तो भारी मात्रा में रेडिएशन फैलेगा और इससे बचना नामुकिन होगा। युद्ध की वजह से आशंका जताई जा रही है कि, यहां हमला हो सकता है। इसके आसपास के इलाकों में रह रहे लोगों के लिए काफी मुसीबत बढ़ सकती है।
रूसी सेना का दावा है कि उसने यूक्रेन के 83 सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया।इनमें 11 एयरबेस भी शामिल हैं. रूसी सेना ने पहले दिन के हमले को सफल बताया है।