By अनन्या मिश्रा | Apr 22, 2024
एक दौर ऐसा था, जब फिल्म इंडस्ट्री में ग्लैमर नहीं था। लेकिन तब भी कुछ निर्देशकों ने अपने निर्देशन से दर्शकों के दिलों को जीता था। इन निर्देशक में सबसे पहला नाम आता है बी आर चोपड़ा का। आज ही के दिन यानी की 22 अप्रैल को बी आर चोपड़ा का जन्म हुआ था। इनका पूरा नाम बलदेव राज चोपड़ा था। बी आर चोपड़ा ने टीवी सीरियल के रूप में महाभारत जैसे महाकाव्य को दर्शकों के सामने लाए थे। आज भी बी आर चोपड़ा को 'महाभारत' के लिए याद किया जाता है। इसके अलावा उन्होंने कई सफल फिल्में भी बनाई। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर बलदेव राज चोपड़ा के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में।
जन्म और परिवार
पंजाब राज्य के लुधियाना शहर में 22 अप्रैल 1914 में बी आर चोपड़ा का जन्म हुआ था। इनका परिवार काफी बड़ा था। बी आर चोपड़ा ने लुधियाना यूनिवर्सिटी अपनी शिक्षा पूरी की। फिर उन्होंने बतौर फिल्मी पत्रकार अपने कॅरियर की शुरूआत की। पत्रकारिता में सफल करियर के बाद भी वह फिल्ममेकर बनने का ख्वाब बुन रहे थे। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने मायानगरी यानी की मुंबई का रुख किया। हांलाकि उन्होंने अपने दम पर फिल्म इंडस्ट्री में मुकाम हासिल किया था।
पहली फिल्म
भले ही बी आर चोपड़ा ने अपने कॅरियर की शुरूआत फिल्म जर्नलिस्ट के तौर पर की थी। लेकिन फिल्ममेकर बनने का सपना साल 1949 में पूरा हुआ। इस साल उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'करवट' प्रोड्यूस की। हांलाकि यह फिल्म फ्लॉप साबित हुई। जिसके बाद साल 1951 में बी आर चोपड़ा की किस्मत ने साथ दिया और वह फिल्म 'अफसाना' के निर्देशक व प्रोड्यूसर बने। फिर साल 1955 में बी आर चोपड़ा ने अपना प्रोडक्शन हाउस खोला। इस प्रोडक्शन हाउस का नाम 'बी आर फिल्म्स' रखा गया।
अपना प्रोडक्शन हाउस खोलने के बाद बी आर चोपड़ा ने इस बैनर के तले पहली फिल्म 'नया दौर' बनाई। इस फिल्म में दिलीप कुमार और अभिनेत्री वैजयंती माला ने मुख्य किरदार निभाया था। इसके बाद उन्होंने कई सफल फिल्में जैसै- 'हमराज', 'बागवान', 'बाबुल', 'पति पत्नी और वो', 'नया दौर', 'कानून', 'इंसाफ का तराजू', 'निकाह' और 'तवायफ' आदि फिल्में हिंदी सिनेमा को दी। उनकी यह फिल्में मील का पत्थर मानी जाती हैं।
अवॉर्ड
बी आर चोपड़ा को कई अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। जिनमें से साल 1998 में उनको भारत सरकार की तरफ से 'दादा साहब फाल्के' अवॉर्ड से नवाजा गया। तो वहीं साल 2001 में भारत सरकार की तरफ से कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से नवाजा गया।
छोटे पर्दे का किया रुख
सफल पत्रकार और सफल फिल्ममेकर के बाद उन्होंने टीवी सीरियल बनाने का फैसला किया। छोटे पर्दे का रुख करने के कारण उनको काफी ट्रोल भी किया गया। लेकिन बी आर चोपड़ा ने ट्रोलिंग को किनारे रखते हुए मैथालॉजिकल शो 'महाभारत' का निर्माण कर इतिहास रच दिया।
मौत
बी आर चोपड़ा की आखिरी फिल्म 'भूतनाथ' रही। वहीं 5 नवंबर 2008 को 94 साल की उम्र में बी आर चोपड़ा का निधन हो गया।