By रितिका कमठान | Feb 02, 2024
लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को प्रस्तुत किए गए अंतरिम बजट में खासतौर से 'नीली अर्थव्यवस्था' का जिक्र हुआ है। इसके तहत 'नीली अर्थव्यवस्था' को बढ़ावा देने के माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल विकास पर जोर दिया गया।
इस 'नीली अर्थव्यवस्था' को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'नीली अर्थव्यवस्था 2.0' के लिए जलवायु लचीली गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए, बहाली और सुधार के लिए उपायों, एकीकृत और बहु क्षेत्रीय दृष्टिकोण के साथ तटीय जलीय कृषि और समुद्री कृषि के लिए एक योजना शुरू की जाएगी।
जानें क्या होती है नीली अर्थव्यवस्था और ये महत्वपूर्ण क्यों है
नीली अर्थव्यवस्था शब्द का तात्पर्य केवल समुद्र और तटों से संबंधित आर्थिक गतिविधियों से है। आम तौर पर यह समझा जाता है कि इसमें स्थिरता का तत्व है। इस प्रकार, जबकि यूरोपीय आयोग इसे "महासागरों, समुद्रों और तटों से संबंधित सभी आर्थिक गतिविधियों" के रूप में परिभाषित करता है।
इसमें पहले से स्थापित और उभरते क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। विश्व बैंक का कहना है कि नीली अर्थव्यवस्था "समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को संरक्षित करते हुए आर्थिक विकास, बेहतर आजीविका और नौकरियों के लिए समुद्री संसाधनों का सतत उपयोग है। भारत जैसे लंबी तटरेखा वाले देश के लिए, जहां मछली और अन्य समुद्री उत्पाद विविधता में उपलब्ध है। इससे पर्यटन के कई अवसर हैं, नीली अर्थव्यवस्था अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
अंतरिम बजट में जानें क्या है प्रस्ताव
इस संबंध में निर्मला सीतारमण ने कहा, "पुनर्स्थापना और अनुकूलन उपायों, और एकीकृत और बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के साथ तटीय जलीय कृषि और समुद्री कृषि के लिए एक योजना शुरू की जाएगी।" पुनर्स्थापना और अनुकूलन यह सुनिश्चित करेगा कि आर्थिक गतिविधियाँ चलाते समय महासागरों के स्वास्थ्य को नुकसान न पहुँचे। बता दें कि जलकृषि एक ऐसा शब्द है जो जलीय पौधों और जानवरों की खेती के संबंध में चर्चा करता है। समुद्री कृषि का मूल रूप से खारे पानी में समुद्री जीवों के पालन और कटाई से संबंध होता है।
एएनआई की मानें तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच एकीकृत एक्वापार्क स्थापित करने की भी घोषणा की है। इसके साथ ही प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) को मौजूदा तीन से पांच टन प्रति हेक्टेयर जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए बढ़ाया जाएगा। सरकार ने घोषणा की है कि निर्यात दोगुना होकर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचेगा। इसके जरिए निकट भविष्य में 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।
क्या भारत के पास नीली अर्थव्यवस्था नीति है?
बजट दस्तावेज में नीली अर्थव्यवस्था का भी जिक्र किया गया है। इस नीली अर्थव्यवस्था को लेकर पहली बार मसौदा नीति रूपरेखा जुलाई 2022 में जारी की गई थी। पीआईबी की मानें तो नीति दस्तावेज़ में "नीली अर्थव्यवस्था और महासागर शासन, तटीय समुद्री स्थानिक योजना और पर्यटन प्राथमिकता, समुद्री मत्स्य पालन, जलीय कृषि और मछली प्रसंस्करण के लिए राष्ट्रीय लेखा ढांचे पर प्रमुख सिफारिशें शामिल थीं।"