By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 19, 2019
इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रविवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बड़ी चुनावी सफलता के बूते उनकी पार्टी इस बार करीब 300 लोकसभा सीटें जीतेगी जिससे केंद्र में दोबारा नरेंद्र मोदी सरकार बनने की राह प्रशस्त होगी। विजयवर्गीय, पश्चिम बंगाल के भाजपा मामलों के प्रभारी हैं। लोकसभा चुनावों के मतदान के लिये अपने गृहनगर इंदौर पहुंचे वरिष्ठ भाजपा नेता ने संवाददाताओं से कहा कि मैं समझता हूं कि मौजूदा चुनाव में भाजपा 300 के आस-पास सीटें जीतेगी। हमें बहुमत का यह आंकड़ा खासकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कारण हासिल होगा, क्योंकि दोनों राज्यों में भाजपा को बड़ी चुनावी सफलता मिलने जा रही है।
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विजयवर्गीय ने लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सबसे बड़ी परेशानी यह है कि वहां राज्य सरकार का प्रशासन, पुलिस और गुंडे, तीनों एक कतार में खड़े दिखायी देते हैं। इस सूबे के लोग ममता के तानाशाहीपूर्ण रवैये और उनके दल (तृणमूल कांग्रेस) के कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी से तंग आ गये हैं। केंद्र में दोबारा नरेंद्र मोदी सरकार बनने का भरोसा जताते हुए भाजपा महासचिव ने कटाक्ष किया कि परिणामों की घोषणा के बाद ममता और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेता छिप जायेंगे और उनकी हार पर प्रतिक्रिया लेने के लिये मीडिया को उन्हें खोजना पड़ेगा।
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस इस बार सूबे की 29 में से 22 लोकसभा सीटें जीतेगी। इस बारे में किये गये सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा, अभी तो इस पर ही प्रश्नचिह्न है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद वह (कमलनाथ) 22 दिन तक मुख्यमंत्री रहेंगे भी या नहीं। भाजपा महासचिव ने मध्यप्रदेश में गत नवम्बर में सम्पन्न विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की इस बहुचर्चित घोषणा पर भी निशाना साधा कि सूबे में कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों का कर्जा अगर 10 दिनों में माफ नहीं हुआ, तो वह मुख्यमंत्री को बदल देंगे। विजयवर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों का कर्जा अब तक माफ नहीं हुआ है। इस कारण गुस्साये किसानों ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायकों को गांवों में घुसने तक नहीं दिया। इसलिये राहुल ने जो कहा है, उसके मद्देनजर हो सकता है कि कांग्रेस के विधायक ही कुछ करें और मुख्यमंत्री को बदल दें।