By अंकित सिंह | Sep 09, 2022
कहते है कि उत्तर प्रदेश के रास्ते ही दिल्ली की कुर्सी पर कब्जा जमाया जा सकता है। 2014 और 2019 में अगर भाजपा को कामयाबी मिली तो उसमें बहुत बड़ा योगदान उत्तर प्रदेश का था। 2024 में भी इसी कामयाबी को पार्टी कहीं ना कहीं दोहराना चाह रही है। यही कारण है कि 2024 चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। वर्तमान में भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों के कुल 64 सांसद हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा को 62 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि, 2014 के तुलना में 9 सीटों का नुकसान हुआ था। 2024 चुनाव को लेकर भाजपा रणनीति बनाने की शुरुआत कर दी है। जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में भाजपा अपने सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करेगी।
टिकट बंटवारे के लिए 7 पॉइंट रखे गए हैं। इन 7 पॉइंट पर खड़े उतरने वाले नेताओं को ही पार्टी लोकसभा चुनाव में टिकट देगी। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए पार्टी संगठन और संघ की ओर से प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। बताया जा रहा है कि पार्टी यह देखने की कोशिश कर रही है कि किस सांसद का जनता के बीच कैसा व्यवहार है। वह कितनी बार जनता के बीच गए हैं। उनकी अपने क्षेत्र में लोकप्रियता कितनी हैं और उन्होंने वहां काम कितना किया है। सांसद निधि के खर्च पर भी गौर किया जाएगा। इन तमाम बातों पर खड़े उतरने वाले नेताओं को ही 2024 में फिर से टिकट दिया जाएगा। खबर तो यह भी है कि राज्य के ज्यादातर नेताओं को पार्टी ने इस काम में लगा भी दिया है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी लोकसभा का चुनाव जीते हैं। विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की ओर से कुछ इसी आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया गया था। खबर यह भी है कि कई सीटों पर भाजपा नए उम्मीदवारों को मौका दे सकती है। राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों पर भी 2024 के चुनाव में भगवा पार्टी दांव लगा सकती है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए भाजपा और संघ काी ओर से प्राइवेट कंपनियों की भी मदद ली जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर ही नेताओं का भविष्य तय होगा। रिपोर्ट सीधा पार्टी आलाकमान को जाएगा।