By अंकित सिंह | Jul 15, 2022
इस महीने राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा। राष्ट्रपति चुनाव में मुकाबला एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू औल विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच में है। एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय मानी जा रही है। फिलहाल भाजपा की नेतृत्व वाली एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू के जीत के जश्न को बड़े पैमाने पर मनाने की तैयारी भी शुरू की जा चुकी है। सूत्रों ने बताया है कि जिस दिन राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आएंगे, उस दिन भाजपा आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जबरदस्त तरीके से जश्न बनाएगी। इसके लिए भाजपा ने रणनीतिक तौर पर अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। खबर तो यह भी है कि कई केंद्रीय मंत्रियों को इसके लिए मोर्चे पर लगाया गया है।
सूत्रों ने यह भी बताया है कि देश के करीब एए लाख 30 हजार आदिवासी गांव में भाजपा द्रौपदी मुर्मू के जीत का जश्न मनाएगी। 21 जून को द्रौपदी मुर्मू के जीत के बाद ही ये जश्न मनाया जाएगा। सबसे ज्यादा भाजपा की नजर पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात और मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिलों और गांवों पर है। इस द्रौपदी मुर्मू के जरिए भाजपा आदिवासी संस्कृति को भी दुनिया के समक्ष रखने की कोशिश करेगी। बताया जा रहा है कि भाजपा ने 15000 मंडलों में जश्न मनाने के निर्देश दे दिए हैं। जश्न के दौरान द्रौपदी मुर्मू के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं के पोस्टर भी दिखाई देंगे।
एनडीए में शामिल दलों के अलावा कई गैर एनडीए दल ने भी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर दिया है। ऐसे में द्रौपदी मुर्मू के पास बड़ी बढ़त दिखाई दे रही है। द्रौपदी मुर्मू को नवीन पटनायक की बीजू जनता दल, वाईएस चंद्रशेखर रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस, तमिलनाडु की पार्टी एआईएडीएमके, एच डी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेकुलर, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना, झारखंड मुक्ति मोर्चा और ओमप्रकाश राजभर की पार्टी का समर्थन हासिल है। यह सभी ऐसे दल हैं जो एनडीए में शामिल नहीं हैं। लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के साथ खड़े हैं। बताया जा रहा है कि मुर्मू की वोट हिस्सेदारी 61 प्रतिशत से ज्यादा हो सकती है, जिसके नामांकन पत्र दाखिल करने के समय करीब 50 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जा रहा था।