By अंकित सिंह | May 31, 2023
राजस्थान चुनाव के पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के भीतर विवादों को सुलझाने की कोशिश कर रही है। 2018 में सरकार गठन के साथ की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शुरू हुआ टकराव अब खत्म होता दिख रहा है। कांग्रेस आलाकमान सोमवार को इसको लेकर एक बड़ी बैठक किया था। इस बैठक के बाद दावा किया गया कि गहलोत और पायलट एक साथ हैं और पार्टी को चुनाव में जीत दिलवाने के लिए मिलकर मेहनत करेंगे। कांग्रेस ने तो यह भी कह दिया कि हम चुनाव जीतने जा रहे हैं। इसी पर भाजपा की ओर से पहलवार किया गया है।
राज्यवर्धन राठौर का वार
बीजेपी सांसद राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि कांग्रेस में अनुशासन नहीं है और उनके केंद्रीय नेतृत्व के पास कोई निर्णय लेने की शक्ति नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री सरकार को फिर से दोहराने के कितने ही दावे करें, प्रदेश की जनता उनके कुशासन से परेशान है और अब उनका जाना तय है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके द्वारा किए गए सभी घोटालों की जांच होगी।
पूछे ये सवाल
भाजपा नेता ने कहा कि गहलोत और पायलट के बीच गतिरोध खत्म होता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि गहलोत और पायलट के बीच जो भी समझौता हुआ, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता; अब प्रदेश की जनता तय करेगी कि उनकी (कांग्रेस की) विदाई में कौन सा संगीत बजाया जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि चार साल बाद इस समझौते के क्या मायने हैं? पिछले साढ़े चार साल से प्रदेश की जनता सह रही है। राजस्थान के पांच साल नहीं लौटेंगे। उन्होंने सवाल किया कि प्रदेश के युवाओं के साथ पेपर लीक और इंटरनेट बंद की घटना का जवाब कौन देगा? राजस्थान में किसानों के साथ ठगी का क्या?