By अंकित सिंह | Mar 04, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राजद सुप्रीमो के 'कोई परिवार नहीं' वाले तंज के जवाब में, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को इंडिया गठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि वे उन लोगों के साथ खड़े हैं जो देश को विभाजित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के लिए कोई हिंदू नहीं है। उनके लिए हिंदू पिछड़े, दलित, 'सवर्ण', उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, मराठी, पंजाबी, बंगाली और यहां तक कि हिंदी भी हैं, लेकिन हिंदू नहीं हैं। क्योंकि वे भारत को टुकड़ों में देखना चाहते हैं। एक परिवार ने राजनीति में आने के लिए देश को विभाजित किया और आज, वे उन लोगों के साथ खड़े हैं जो भारत को विभाजित करना चाहते हैं ताकि उन्हें देश के कम से कम एक हिस्से पर शासन करने का मौका मिल सके।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ज्यों-ज्यों देश लोकसभा चुनाव की तरफ आगे बढ़ रहा है, तो बैचेन और परेशान विपक्ष की मोहब्बत की दुकान से एक के बाद एक नए जहर बुझे सामान निकल कर सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी ने विगत 17-18 वर्षों से देखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति ईर्ष्या, द्वेष, ग्लानि और पराजय की कुंठा से ग्रस्त होकर ओछे स्तर के नितांत व्यक्तिगत और अपमानजनक बयान विपक्ष द्वारा दिए गए हैं, उसकी भारतीय राजनीति में मिसाल नहीं है। कल INDI Alliance के सभी नेताओं के सामने लालू प्रसाद ने मोदी जी के परिवार पर टिप्पणी की।
भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समुदाय, उनकी जाति, उनके परिवार, उनके स्वर्गीय पिताजी और माताजी को लेकर अनेक बार ऐसे आपत्तिजनक बयान दिए गए हैं, जो लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार करते हैं। उन्होंने कहा कि कल पटना की रैली में INDI गठबंधन के सभी नेताओं की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर लालू प्रसाद यादव के द्वारा एक बार पुनः बहुत ही निचले स्तर के शब्द प्रयोग किए गए हैं, जो बहुत ही दुखद और कष्टकारक है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने पटना में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में रविवार को प्रधानमंत्री मोदी पर ‘अपना परिवार’ ना होने को लेकर कटाक्ष किया था। उन्होंने एक रैली में कहा था, ‘‘अगर नरेन्द्र मोदी के पास अपना परिवार नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं। वह राम मंदिर के बारे में डींगें मारते रहते हैं। वह सच्चे हिंदू भी नहीं हैं। हिंदू परंपरा में बेटे को अपने माता-पिता के निधन पर अपना सिर और दाढ़ी मुंडवानी चाहिए। जब मोदी की मां की मृत्यु हुई तो उन्होंने ऐसा नहीं किया।”